IPL जादुई दुनिया से कम नहीं DC के Prithvi shaw के क्रिकेटर बनने की कहानी

पिता पंकज गुप्ता के साथ बाल पृथ्वी शॉ। फोटो : इंटरनेट

IPL-2020 में शुक्रवार शाम दिल्ली कैपिटल्स (DC) के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi shaw) ने चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के खिलाफ 43 गेंदों पर 64 रनों की आतिशी पारी खेली। 9 नवंबर को 21 साल के होने जा रहे पृथ्वी के क्रिकेट करियर की कहानी जादुई दुनिया से कम नहीं है। पृथ्वी की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और उनके पिता का समर्पण है।

बिहार के गया जिले का रहने वाला पृथ्वी का परिवार बेहद गरीब था। काम की तलाश में पिता पंकज गुप्ता मुंबई के करीब पालघर जिले के विरार कस्बे में आ गए थे। 3 साल की उम्र में पृथ्वी के टैलेंट को सबसे पहले कोच संतोष पिंगुलकर ने पहचाना। पृथ्वी जब 4 साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया। पत्नी की मौत के बाद पिता पंकज टूटे नहीं, बल्कि उन्होंने अपना पूरा जीवन बेटे के क्रिकेट करियर को समर्पित करने का प्रण लिया।

किराना की छोटी सी दुकान चलाने वाले पिता पंकज रोजाना सुबह 4.30 बजे जागते। खाना बनाते। पृथ्वी को तैयार करते और सुबह 6 बजे की लोकल से धक्के खाते हुए मुंबई पहुंचे। वो पृथ्वी को मुंबई के अलग-अलग प्लेग्राउंड्स और स्टेडियम्स में लेकर जाते। पृथ्वी रोजाना 70 किलोमीटर की दूरी तय करते और क्रिकेट कीट पिता के कंधे पर होता।

जब नेट पर बॉलर्स थक जाते तो पंकज बेटे को नेट पर घंटों बॉलिंग कर बैटिंग की प्रैक्टिस भी कराते। पृथ्वी को जब स्कॉलरशिप मिली तो पिता की मुश्किलें थोड़ी कम हुईं। उन्होंने स्टेडियम के पास कमरा ले लिया, ताकि समय बच सके।

पृथ्वी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान थे। IPL 2018 में पृथ्वी को बेस प्राइज 20 लाख से छह गुना अधिक 1.20 करोड़ रुपए में दिल्ली डेयरडेविल्स (DD) ने खरीदा था। इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले पृथ्वी आज भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा हैं।