राष्ट्रीय सेवा भारती के तीसरे सेवा संगम में स्वावलंबी भारत समृद्ध भारत की गाथा का साक्षी बनेगा जयपुर

प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय सेवा भारती की महासचिव रेणु पाठक।

जयपुर के जामडोली में केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा भारती के तीसरे सेवा संगम परिसर में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन विश्व जाग्रति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज ने किया। सेवा संगम में देशभर से आए और शिक्षा, स्वास्थ्य और भारत को स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों ने अपने सेवा कार्यों को स्टॉलों पर प्रदर्शित किया। राष्ट्रीय सेवा भारती की महासचिव रेणु पाठक ने बताया कि 7 अप्रैल को सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक सरसघंचालक डॉ. मोहनराव भागवत का उद्बोधन होगा। पीरामल समूह मुंबई के चेयरमैन अजय पीरामल बतौर मुख्य अतिथि रहेंगे। राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज प्रतिनिधियों को आशीर्वचन देंगे।

रेणु पाठक ने बताया कि नर सेवा नारायण सेवा के ध्येय वाक्य के साथ बीस वर्षों से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त बंधुओं के उत्थान में जुटे सेवा भारती का यह तृतीय महासंगम होगा। समाज में प्रगति करने के लिए पूरे देश में अथक परिश्रम करने वाले स्वयंसेवकों की सफलता की सौ कहानियां यहां सबको बताई जाएंगी। सेवा संगम में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक विषयों पर विचार विमर्श होगा। सेवा संगम का मुख्य और निहित उद्देश्य सेवा भारती से जुड़े स्वैच्छिक संगठनों के सामूहिक प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित करके एक सामंजस्यपूर्ण, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज और समृद्ध भारत का निर्माण करना है। साथ ही स्वयंसेवकों, महिलाओं का उत्साहवर्धन करना और भारत को सुपोषित बनाना भी एक उद्देश्य है।

राष्ट्रीय सेवा भारती के तीसरे सेवा संगम परिसर में प्रदर्शनी के उद्घाटन पर आचार्य सुधांशु महाराज, राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमार व अन्य।

सेवा संगम में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सामाजिक क्षेत्र में किए गए श्रेष्ठ कार्यों की प्रदर्शनी के माध्यम से प्रतिनिधियों को प्रेरित किया जा रहा है। सेवा भारती का पहला सेवा संगम वर्ष 2010 में बेंगलुरु में आयोजित किया गया था। इसका ध्येय वाक्य ‘परिवर्तन’ था। इसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। वर्ष 2015 में दूसरा सेवा संगम नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ, जिसका ध्येय वाक्य ‘समरस भारत, समर्थ भारत’ रहा। इसमें 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अब यह तीसरा सेवा संगम हो रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उद्यमी नरसीराम कुलारिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर, श्री स्वामी माधवानन्द विश्व शान्ति परिषद् के संस्थापक विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द, विश्व जाग्रति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधांशु महाराज, राजसमंद से संसद सदस्य दिया कुमारी और उद्यमी अशोक बागला उपस्थित रहेंगे।

प्रदर्शनी का अवलोकन करते लोग।

सेवा भारती 43045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त, समरस बना एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है। देश के 117 जिलों में 12187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 1,20,000 सदस्य हैं। इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय हैं। देश के 55 जिलों में स्वयं सहायता समूह वैभवश्री रचना में संचालित हो रहे हैं, जिनमें 27494 सदस्य हैं।