ऐतिहासिक शंखनिधि मंदिर में हिंदुओं को नहीं करने दी Durga puja इस देश में लगातार हो रहे अल्पसंख्यकों पर हमले

अस्थाई पंडाल में संपन्न हो रही दुर्गा पूजा।

हम असफल रहे, हम टीपू सुल्तान रोड स्थित ऐतिहासिक शंखनिधि मंदिर (shankhnidhi temple) में पूजा नहीं कर सके। स्थानीय कट्टरपंथियों ने हमें पूजा नहीं करने दी। सरकार ने पूजा के लिए अस्थाई जगह दी है। मूर्तियों को वहां स्थनांतरित किया जा रहा है। एक दिन हम अपने मंदिर को बचा लेंगे। यह दर्द बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल (bangladesh hindu unity council) ने टि्वटर के जरिए बयां किया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर आए दिन हमले कोई नई बात नहीं है। मुस्लिम कट्टरपंथी लगातार हिंदुओं पर न केवल हमले करते हैं, बल्कि हिंदुओं के धर्मस्थलों को निशाना बनाया जाता है।

बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल के अनुसार दुर्गा पूजा अस्थाई तौर पर हो रही है। दुर्गा पूजा (durga puja) रुकी नहीं और हमें उम्मीद है कि यह पूजा एक दिन हमारे ऐतिहासिक शंखनिधि मंदिर में होगी। फिलहाल मंदिर के दरवाजे मंदिर बंद मिले हैं। हम अपना मंदिर वापस चाहते हैं। हम चाहते हैं कि शंखनिधि मंदिर कब्जे से मुक्त हो। हम सरकार से मांग करते हैं कि बांग्लादेशी हिंदुओं को हिंदू मंदिर और ऐतिहासिक घर लौटाएं जाएं। काउंसिल का कहना है कि बांग्लादेश सरकार ने अनुचित रूप से मंदिर को निजी स्वामित्व में स्थानांतरित कर दिया है।

लालमोहन साहा ने शंखनिधि हाउस और मंदिर का निर्माण कराया था। साल 1960 में शंखनिधि मंदिर को पुरातत्व विभाग की सूची में शामिल किया था। कब्जाधारियों ने उत्तरी मंदिर को तोड़ना शुरू कर दिया। दो मंजिला छत को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।

ऐसी कई घटनाएं हैं, जिनसे हिंदुओं के साथ बांग्लादेश में हो रहे दुर्व्यवहार का पता चलता है। रविवार को तीन लोगों को मूर्ति तोड़ने के आरोप में स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया। कोतवाली थाना प्रभारी मोहम्मद नेजाम उद्दीन ने कहा कि फिरंगीबाजार इलाके में मूर्ति तोड़ने की घटना हुई है। हम जांच के बाद पुष्टि करेंगे कि यह दुर्घटना थी या सुनियोजित वारदात। बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल के अनुसार हमला सड़क पर उस समय हुआ, जब चटगांव के कोतवाली में पूजा मंडप में दुर्गा की मूर्ति का प्रवेश कराया जा रहा था। काउंसिल ने क्षतिग्रस्त मूर्तियों की फोटो के साथ ट्वीट किया है।

बांग्लादेश में करीब 1 करोड़ 27 लाख (2011 की जनगणना के अनुसार) से अधिक हिंदू हैं, जो देश की आबादी का 8.54 प्रतिशत है। 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले यहां 30 प्रतिशत से अधिक हिंदू रहते थे, लेकिन बंटवारे के बाद हुए पलायन से हिंदुओं की आबादी 22 प्रतिशत ही रह गई। दशक दर दशक हिंदुओं की आबादी घटती जा रही है। 1991 में 10.51 प्रतिशत हिंदू आबादी 2001 में 9.60 प्रतिशत रह गई थी।

(रिपोर्ट : समता शर्मा)