Thailand लोकतंत्र समर्थकों के सिर पर हाथ रखने के एक इशारे से हिल रही सेना समर्थित तानाशाह सरकार

बैंकॉक में पुलिस से भिड़ता प्रदर्शनकारी।

थाईलैंड (Thailand) में लोकतंत्र समर्थक (pro-democracy) सड़कों पर हैं। वो प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा (Prime Minister Prayut Chan-O-Cha) का इस्तीफा मांग रहे हैं। उनकी मांग है कि राजा की शक्तियों को सीमित किया जाए। विशेषकर उस कानून को रद्द कर दिया जाए, जिसमें राजा महा वजिरालोंगकोर्ण (King Maha Vajiralongkorn) की आलोचना करने पर राजद्रोह का प्रावधान है। लोकतंत्र समर्थक दोनों हाथ सिर पर रखकर छातानुमा इशारा बनाकर विरोध जता रहे हैं। उनका ये इशारा दुनियभर में चर्चित हो रहा है।

7 करोड़ आबादी वाले बौद्ध देश थाईलैंड (Buddhist-majority country) में तीन सप्ताह पहले राजद्रोह के कानून को लेकर लोकतंत्र समर्थक सड़कों पर उतरे थे। फिर उन्होंने प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। वो प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अब तक सरकार ने कोई सख्ती भरा कदम नहीं उठाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आपातकाल केवल बैंकॉक में लागू रहेगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से निजी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की।

थाईलैंड में 1932 से राजशाही खत्म कर संवैधानिक राजतंत्र (constitutional monarchy) लागू किया गया था। पूर्ण राजशाही खत्म होने के बाद 12 बार सेना यहां तख्तापलट कर चुकी है। 2014 में प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा का तख्तापलट कर सेना प्रमुख प्रयुत चान-ओ-चा प्रधानमंत्री बने थे।

2016 में सेना ने स्वयं नया संविधान लिखा और जनमत संग्रह कर उसे लागू करा लिया। लोकतंत्र की बहाली के बावजूद सत्ता पर सेना की पकड़ बनी हुई है। 2019 में प्रधानमंत्री प्रयुत पुनः चुन लिए गए। लोकतंत्र समर्थक इसे धांधली वाला चुनाव बता रहे हैं।

जनता अपने राजा महा वजिरालोंगकोर्ण की मौज-मस्ती से नाराज है। कोरोना (corona) काल में भी राजा की अय्याशी बंद नहीं हुई। लोग जब कोरोना से जूझ रहे थे, तब राजा जर्मनी के होटल में सेक्स सोल्जर्स के साथ मस्ती कर रहे थे। फिलहाल थाईलैंड में प्रदर्शन थमते नहीं दिख रहे।