असादुद्दीन ओवैसी ने पूछा, जम्मू और कश्मीर का हाल, सरकार ने यूं दिया जवाब

श्रीनगर के एक बाजार का फोटो। लोग बाहर निकलकर खरीदारी कर रहे हैं। फाइल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के नेता और सांसद असादुद्दीन ओवैसी अब तक जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के दर्द से उभरे नहीं हैं। उन्होंने राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू और कश्मीर की चिंता सताती रहती है। मानसूत्र शुरू होते ही ओवैसी ने अपनी पार्टी के दूसरे सांसद सय्यद ईमत्याज जलील के साथ मिलकर जम्मू और कश्मीर का हालचाल गृह मंत्री से मांग लिया। लोकसभा में दोनों ने सवाल पूछा कि कोई राजनेता नजरबंद तो नहीं है? केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी राजनेता नजरबंद नहीं है।

दोनों सांसदों ने पूछा कि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के एक वर्ष बाद क्या परिवर्तन देखे गए हैं?

रेड्डी ने कहा कि संवैधानिक बदलावों और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ गए हैं। देश के अन्य नागरिकों की तरह समस्त लाभ जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उपलब्ध हैं। दोनों नए संघ राज्य क्षेत्रों में सामाजिक-अर्थिक विकास हुआ है। लोगों का सशक्तीकरण, अन्यायपूर्ण कानूनों को हटाना, वर्षों से भेदभाव झेल रहे लोगों को समानता और न्याय करना, जो अब व्यापक विकास के साथ उचित न्याय प्राप्त कर रहे हैं। ये बदलाव दोनों नए संघ राज्य क्षेत्रों को शांति और प्रगति के पथ पर ले जा रहे हैं।

दोनों सांसदों ने पूछा कि जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए इस वर्ष लिए कितने रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं? जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए और कदम उठाए गए हैं?

रेड्डी ने जवाब दिया कि भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा स्कीमों के अंतर्गत निधियों के नियमित प्रवाह के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2020-21 में 30,757 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। रेड्डी ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए वर्ष 2015 में घोषित प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, बागवानी, कौशल विकास 63 प्रमुख विकास परियोजनाओं (जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में 54 तथा लद्दाख क्षेत्र में 9) के लिए 80,068 करोड़ रुपए सतत रूप से खर्च किए जा रहे हैं।

पैकेज के अंतर्गत, भारत सरकार ने 1,080 करोड़ रुपए की लागत से कश्मीरी प्रवासियों के लिए राज्य सरकार की 3,000 अतिरिक्त नौकरियों के सृजन का अनुमोदन प्रदान किया था, जो सृजित की गई पीएमआरपी-2008 के अंतर्गत प्रवासियों के लिए सृजित की गई 3000 नौकरियों के अतिरिक्त था। हिमायत स्कीम के अंतर्गत, 15,142 उम्मीदवारों को आईटीईएस, बिक्री और ग्राहक सेवा, आतिथ्य-सत्कार आदि में रोजगारोन्मुख शिक्षण प्रदान किया गया है। 31 जुलाई, 2020 तक 6763 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और 6556 युवा रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत भी कृषि, ऑटोमोटिव, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, परिधान, साज-सज्जा व गृह सज्जा, सौन्दर्य तथा स्वास्थ्य (ब्यूटी एंड वेलनेस) निर्माण आदि में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को कवर किया जा रहा है।