फाइव स्टार के बाड़े में rajasthan सरकार मस्त 45 डिग्री की गर्मी में आंदोलनरत CHA पस्त

नरेंद्र चतुर्वेदी

जहां एकतरफ राजस्थान सरकार पांच सितारा होटल की बाड़ेबंदी में मौज उड़ा रही है, वहीं दूसरी ओर तपती दोपहरी में अपने हक के लिए आंदोलनरत CHA कर्मी एक वक्त के भोजन के लिए भी संघर्षरत हैं। जयपुर में पिछले दो माह से अधिक समय से चल रहे आंदोलन में 2500 से अधिक साथियों के लिए भोजन की व्यवस्था CHA वर्कर अपने बलबूते पर कर रहे हैं। ये वर्कर इसी आस में तन-मन-धन से लगे हुए हैं कि एक दिन सरकार इनकी जरूर सुनेगी। कई लोगों को वेतन नहीं मिला है, लेकिन अपने परिवार से आर्थिक मदद ले ये साथियों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहे हैं।

CHA वर्कर्स की खाने की व्यवस्था चर्च रोड स्थित गुरुद्वारे में चल रही। रसोई में प्रतिदिन जिले के हिसाब से भोजन की व्यवस्था को बांट रखा है। पूरे प्रदेश से CHA अपने टर्न से अनुसार खाने की व्यवस्था के लिए जिलेवार पैसे की व्यवस्था करते हैं। भोजन सामग्री एकत्रित कर सभी को शाम के समय भोजन कराते हैं। प्रत्येक जिले से 500 के लगभग CHA वर्कर आते हैं। ऐसे में एक समय के खाने का खर्च 25-30 हजार आता है।

श्रीगंगानगर जिले के प्रतिनिधि सुखजीत अठवाल बताते हैं, हम सभी एक परिवार की तरह से मिलकर व्यवस्था संभाल रहे हैं। हमने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है। रोज एक जिले का नंबर आता है। स्वेच्छा से मीनू का चयन कर खाना बनाया जाता है। गुरुद्वारे से हमें जगह और बर्तन की व्यवस्था हो जाती है, बाकी मीनू के हिसाब से रोज राशन खरीदते हैं। दाल-रोटी, पूरी-सब्जी बनाते हैं।

श्रीगंगानगर से ही आई सरोज वर्मा बताती हैं, घर में भी खाना पकाते हैं, ऐसे ही ये हमारा परिवार ही है। सरकार से लड़ाई कितनी भी लंबी चले, हम हमारा हक लेकर जाएंगे। जिस दिन किसी भी जिले से व्यवस्था नहीं हो पाती है, उस दिन बालोतरा और श्रीगंगानगर की टीम भोजन की व्यवस्था करते हैं।

CHA महेंद्र कूकना ने बताया कि प्रशासन की ओर से हमें कोई सहायता नहीं मिली है। हमारे परिवार से फंड की व्यवस्था कर हम अपने लिए खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। हम लेना भी नहीं चाहते। हमें हमारी नौकरी चाहिए बस। छोटे-छोटे बच्चो के साथ आई महिलाएं भी हमारा काम मे हाथ बंटाती हैं।