राजस्थान नागर ब्राह्मण परिषद के मुख्य संरक्षक बने न्यायमूर्ति विनोद शंकर दवे

राजस्थान में नागर समाज के सभी सहायक संगठनों वडनगर, विसनगर, प्रश्नगर दशोरा, साठोत्तरा आदि सभी संगठनों ने मिलकर प्रादेशिक संगठन का गठन किया हैं। न्यायमूर्ति विनोद शंकर दवे को संगठन का मुख्य संरक्षक, वरिष्ठ पत्रकार मृत्युंजय त्रिवेदी को प्रदेश संयोजक और अजय नागर को सह संयोजक बनाया गया है। राजस्थान नागर ब्राह्मण परिषद नामक इस संगठन सभा की पूरी कार्यवाही राष्ट्रीय नागर प्रतिष्ठान के नेतृत्व में की गई।

ऑनलाइन बैठक की शुरुआत बाबा हाटकेश की स्तुति से की गई। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति से सरंक्षक मंडल और तदर्थ समिति बनाकर संयोजको की अनुमति सर्वसम्मति से की गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र याज्ञिक ने कहा कि नागर समाज के लोग पूरे देश में बसे हैं और समाज की बेहतर सेवा कर रहे हैं। उन्हें एक सूत्र में पिरोने के अभियान के तहत ही आज राजस्थान नागर ब्राह्मण परिषद का गठन किया जा रहा है। 

राष्ट्रीय नागर प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महामंत्री राजेन्द्र नागर ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विनोद पंड्या (जयपुर), गुरु गोविंद विश्वविद्यालय के कुलपति इंद्र वर्धन त्रिवेदी (बांसवाड़ा), गिरधारी लाल नागर (अजमेर), शोभालाल दशोरा (चित्तौडग़ढ़) और निर्मल नागर (उदयपुर) को संरक्षक बनाया गया हैं।

महिला संयोजक डॉ. उषा झा (कोटा) और युवा संयोजक डॉ.सत्यभूषण नागर (उदयपुर) बनाए गए हैं। जयपुर नागर समाज के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अजय नागर (जयपुर) और डॉ.आशीष दवे (बांसवाड़ा) को सर्वसम्मति से सह संयोजक बनाया गया हैं।

नव नियुक्त प्रदेश संयोजक मृत्युंजय त्रिवेदी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि जो जिम्मेदारी प्रदेश पदाधिकारियों को सौंपी गई है, उसे सभी संरक्षकों के सहयोग और मार्गदर्शन से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। राजस्थान के हर जिला मुख्यालय पर जिला ईकाई की भी शीघ्र गठन किया जाएगा। सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया। ऑनलाइन बैठक का संचालन हेमंत दुबे ने किया।