Success story सीमा पर दुश्मन के दांत खट्टे करेगा किसान का बेटा नरेंद्र प्रताप

साथियों के साथ विजयी चिह्न दिखाकर सेल्फी लेते नरेंद्र प्रताप।

सेना (army) की वर्दी का जुनून ऐसा है, यदि किसी के सिर चढ़ जाए तो उतारना मुश्किल होता है। प्रतापगढ़ (UP) के नरेंद्र प्रताप सिंह (Narendra pratap singh) भी उन युवाओं (youths) में से हैं, जिन्होंने वर्दी का सपना देखा और अब लेफ्टिनेंट (lieutenant) बनकर उसे पूरा किया। नरेंद्र आज हज़ारों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

प्रतापगढ़ (pratapgarh) के छोटे से गांव कतरौली निवासी नरेंद्र के पिता किसान हैं। नरेंद्र के स्कूल के दोस्त मनीष कहते हैं कि नरेंद्र शुरू से सेना में जाने का सपना देखता था। सेना में जाने के लिए वह कड़ी मेहनत करता और युवा साथियों को भी सेना ज्वाइन करने के लिए प्रोत्साहित करता।

नरेंद्र ने कभी हिम्मत नहीं हारी। पांचवें प्रयास में वो सेना में चयनित हुए। इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA), देहरादून में पासिंग आउट परेड के बाद नरेंद्र प्रताप के कंधों पर जब लेफ्टिनेंट वाले दो स्टार लगे तो परिवार और गांववालों में खुशी की लहर दौड़ गई। IMA में लेफ्टिनेंट नरेंद्र प्रताप को कमांडेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

नरेंद्र प्रताप ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव कतरौली के पास स्थित स्कूल आदर्श इंटर मीडियट कॉलेज महिलहान से की। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कानपुर यूनिवर्सिटी से किया। बाद में एमबीए सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी से की।