Jhunjhunu में चल रहा भ्रष्टाचार का नायाब खेल teachers का वेतन बनाने के नाम पर उगाही

प्रतीकात्मक फोटो

झुंझुनूं (Jhunjhunu) में शिक्षा विभाग (education department) में भ्रष्टाचार (corruption) का नायाब खेल चल रहा है। शिक्षकों (teachers) का वेतन बनाने के नाम पर 200 रुपए की उगाही चल रही है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालोटा (झुंझुनूं) के शिक्षकों का आरोप है कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, रसूलपुर (झुंझुनूं) के प्रधानाचार्य सुरेंद्र पारीक के पास उनके विद्यालय के शिक्षकों का वेतन बनाने का दायित्व है। वेतन बनाने के नाम पर सुरेंद्र पारीक का नाम लेकर उनके विद्यालय के इंचार्ज रतन लाल की ओर से वसूली की जा रही है। अधिकांश शिक्षक 200 रुपए दे रहे हैं, लेकिन कुछ शिक्षकों ने विरोध जताया तो उनका वेतन नहीं बनाया गया।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालोटा (झुंझुनूं) और उससे जुड़े विद्यालयों में 40 शिक्षक हैं। प्रधानाचार्य पारीक माह में दो-तीन बार रसूलपुर से कालोटा आते हैं। शिक्षकों का आरोप है कि रुपयों का कलेक्शन यू.पी.एस मंडाना में थर्ड ग्रेड शिक्षक किशोरी लाल द्वारा किया जाता है। शिक्षक किशोरी लाल यह धनराशि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालोटा के इंचार्ज रतन लाल को देता है। यह गड़बड़झाला 5 माह से जारी है।

शिक्षकों का कहना है कि यह कहते हुए उगाही हो रही है कि रसूलपुर से कालोटा की दूरी 11 किलोमीटर है। प्रधानाचार्य पारीक का पेट्रोल खर्च होता है। इसलिए प्रति शिक्षक 200 रुपए चाहिए। 40 शिक्षकों से 200-200 रुपए यानी 8000 रुपए प्रति माह वसूले जा रहे हैं। शिक्षकों के अनुसार सच तो यह है कि इस कार्य के लिए प्रधानाचार्य पारीक को टीए-डीए मिलता है।

झुंझुनूं में शिक्षा विभाग में गड़बड़झाला यही नहीं रुकता। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, हरडिया खेतड़ी के प्रधानाचार्य विरेंद्र सुरोलिया की वार्षिक वेतन वृद्धि सीबीईओ (cbeo) सनोज द्वारा रोक ली गई है। सुरोलिया ने सीबीईओ सनोज पर जानबूझकर वेतन वृद्धि रोकने के आरोप लगाए हैं। राजबुलेटिन ने जब सीबीईओ सनोज से बातचीत की तो उन्होंने आगे मार्गदर्शन मांगने की बात कही, जबकि सुरोलिया का कहना है कि केवल उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बहाना बनाया जा रहा है, जबकि सनोज अपने स्तर पर निर्णय ले सकते हैं।

राजबुलेटिन ने उक्त दोनों शिकायतों को लेकर झुंझुनूं के सीडीईओ (cdeo) घनश्याम दत्त जाट से बातचीत की तो उन्होंने जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो झुंझुनूं पहुंचकर इन शिकायतों का निपटारा करेंगे।

अब देखना है कि उगाही का यह खेल कब तक खत्म होता है या फिर उच्चाधिकारी शिकायतों पर आंखें मूंदकर बैठे रहते हैं।