Tripura में ब्रू शरणार्थियों के पूरे हो रहे सपनों का साक्षी बने Biplab Kumar Deb

लंबे अरसे से लंबित ब्रू शरणार्थियों के अपना घर और अपनी पहचान के पूरे हो रहे सपने के अवसर पर त्रिपुरा (Tripura) के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (cm Biplab Kumar Deb) स्वयं साक्षी बने। इस मानवीय कार्य को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) और गृह मंत्री अमित शाह (home minister amit shah) का आभार जताया। देब ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन के बिना यह कार्य संभव नहीं था। उन्होंने त्रिपुरावासियों की ओर से पीएम और गृह मंत्री का आभार जताया। धलाई जिले (Dhalai district) के हादुकुलूक में ब्रू शरणार्थियों (Bru Refugees) के लिए बन रहे पुनर्वासन कालोनी का मुआयना करने पहुंचे मुख्यमंत्री देब ने ब्रू शरणार्थियों से मुलाकात की।

देब ने कहा, जीवन में ऐतिहासिक क्षण देखना उनके लिए परम सौभाग्य का विषय है। 23 वर्षों के बाद ब्रू शरणार्थियों की समस्या का न सिर्फ स्थाई समाधान निकला है, बल्कि अपनी पहचान और अपने मकान के उनके सपने पूरे हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आज हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है। 23 साल से ये लोग जिस तरह का यातना सहन कर रहे थे। यदि वह अपने साथ नहीं होगा तो हम उसका अहसास नहीं कर पाएंगे। 23 साल से ब्रू शरणार्थियों को अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रहना पड़ रहा था, लेकिन पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह के वजह से उनके इस समस्या का समाधान हुआ।

ब्रू भाई-बहनों से मिलजुलकर एकजुटता के साथ रहने की अपील करते हुए देब ने कहा, आज उनके जीवन का पहला दिन है। आशा करता हूं कि मेरे रियांग भाई-बहन पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आगे बढ़ेंगे और नया जीवन व्यतित करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि त्रिपुरा में हम सब जाति और जनजाति मिलकर एक नया त्रिपुरा बनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने रियांग नेताओं से आग्रह किया की शरणार्थी कैंपों में रह रहे सभी ब्रू भाई-बहन जल्द से जल्द पुनर्वास के लिए आवंटित अपने स्थानों पर आ जाएं। ब्रू शरणार्थी और पुनर्वास स्थल के बगल के लोंगों से अपील किया कि सभी लोग आपस में मिलजुल कर शांति से रहें।

देब ने बताया कि कोविड (covid) की परिस्थिति में भी राज्य सरकार रुकी नहीं थी। हमने 13 स्थानों पर पुनर्वासन की व्यवस्था शुरू की है, जिसमें धलाई जिले के हादुकुलूक में 204 परिवार कंचनपुर के कैंपों से आकर यहां रहने लगे हैं। अन्य 250 परिवारों ने भी इस स्थान पर ही आने की इच्छा जताई है। देब ने इसके लिए राज्य के मुख्यसचिव और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे दिए हैं कि इच्छूक लोंगों को यहां बसाया जाए।

उन्होंने कहा, कुल 37140 रियांग भाई और बहनों को हम नया जीवन प्रदान करेंगे। इस मानवीय कार्य के लिए मैं माननीय पीएम मोदी जी और केंदीय गृह मंत्री शाह को इस ऐतिहासिक कार्य के लिए धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक रूप से सहायता की है। इस पुनर्वासन की परियोजना पर 1300 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से 600 करोड़ रुपए का फंड राज्य को प्राप्त हो गया हैं।

यूं निकला था समाधान

16 जनवरी, 2020 को गृह मंत्री अमित शाह की देख-रेख में केंद्र सरकार, मिजोरम सरकार, त्रिपुरा सरकार और ब्रू नेताओं के बीच ब्रू शरणार्थियों के सथाई समाधान को लेकर एक समझौता हुआ। इसके तहत इन सभी ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा ने अपना नागरिक माना और इनके पुनर्वासन की व्यवस्था के लिए हामी भरी। केंद्र सरकार ने इस पुनर्वासन के लिए 600 करोड़ का पैकेज प्रदान किया है। ब्रू शरणार्थी अब अपने कैंपों से हटकर त्रिपुरा सरकार द्वारा बनाए जा रहे पुनर्वासन कॉलोनी में आकर बसने लगे हैं। मुख्यमंत्री देब ने राज्य के आला अधिकारियों संग राज्य के पहले पुनर्वासन कालोनी का दौरा कर ब्रू शरणार्थियों से मुलाकात की और उनकी स्थितियों का जायजा लिया।