Rajasthan Budget मुख्यमंत्री की घोषणाओं का सफल क्रियान्वयन संभव हो सका तो ग्रामीण क्षेत्र में होगी विकास की गति द्रुत

विधानसभा में बजट पेश करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

डॉ. मनीष तिवारी

राजस्थान (rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट (budget) में सबसे बड़ा गुण जो परिलक्षित होता है, वह समग्रता है। सभी क्षेत्रों के विकास के लिए समग्र योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जिसमें उससे जुड़े सभी आयामों का ध्यान रखा गया है। जैसे अगर कृषि क्षेत्र की बात करें तो उसमें बीज उत्पादन, फसल सुरक्षा, भूमि उर्वरकता, सिंचाई सुविधा, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि तकनीक आदि का ध्यान रखा गया है। उनके लिए मिशन मोड में योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। कृषि के साथ ही साथ संबंद्ध क्षेत्रों के विकास जैसे पशुपालन, कृषि आधारित MSME की स्थापना आदि के प्रोत्साहन के लिए भी प्रस्ताव जोड़े गए हैं, जो अत्यंत प्रशंसनीय हैं।

मनरेगा योजना में उपलब्ध 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाते हुए 125 दिवस किया गया है, जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। कृषि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के लिए कई घोषणाएं इस बजट में की गई हैं। इसमें नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोलना, चिरंजीवी योजना का दायरा बढ़ाना और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाओं में विस्तार प्रमुख है।

प्रदेश के ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में बुनियादी शिक्षा के सुदृढ़ीकरण व विकास के लिए प्रस्ताव भी स्वागत योग्य हैं, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खोलना, दूरस्थ क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों के मानकों में शिथिलता व विद्यालयों को क्रमोन्नत करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। कोविड महामारी के दौरान हमने देखा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (pds) अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में 10 लाख अल्प आयवर्ग के वंचित परिवारों को जोड़ने की घोषणा भी महत्वपूर्ण है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और शुद्ध पेयजल के लिए इस बजट में कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। संक्षेप में, यदि वर्ष 2022-23 की इन सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन संभव हो सका तो राजस्थान में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में विकास की गति द्रुत (high speed) की जा सकेगी। इसके सकारात्मक दूरगामी परिणाम होंगे।

(लेखक शिवचरण माथुर सोशियल पॉलिसी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, जयपुर के निदेशक हैं)