Indian Navy में शामिल हुई स्कॉर्पियन क्लास की नई पनडुब्बी INS Vela

भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए आज का दिन यादगार है। इसका कारण है आज नेवी में स्कॉर्पियन क्लास (Scorpene-class) की नई पनडुब्बी आईएनएस वेला (INS Vela)शामिल हो गई है। इस पनडुब्बी को सरकार की स्वामित्व वाली माझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) की ओर से बनाया गया है। वेला को भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान में शामिल किया गया है। इसका बेस मुंबई में होगा।
नौसेना में शामिल होने पर सेना के अधिकारियों ने इसका भव्य स्वागत किया। पनडुब्बी पर नौसेना के अधिकारियों ने ध्वज फहराया। यह पनडुब्बी समुद्र में दुश्मनों से रक्षा करेगी। नौसेना ने अपने बयान में कहा कि सतर्क, बहादुर और विजय को ध्यान में रखते हुए पनडुब्बी अपने काम को अंजाम देगी। चालक को सामने आने वाली चुनौतियों को बहादुरी के साथ सामना करने के लिए प्रेरित करेगी, साथ ही सतर्कता के साथ विजय हासिल करने का संदेश देगी।
वेला नाम कैसे पड़ा
वेला का नाम एक डिकमीशन्ड सबमरीन वेला के नाम पर रखा गया है, जिसने 1973 से 2010 तक नौसेना की सेवा की थी। पहले वेला सोवियत मूल की फॉक्सट्रॉट श्रेणी की पनडुब्बी से संबंधित थी।
आत्‍मनिर्भर भारत प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा
आईएनएस वेला फ्रांस के नेवल ग्रुप (Naval Group) के सहयोग से एमडीएल की ओर से बनी चौथी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी है। ये पनडुब्‍बी भारत के आत्‍मनिर्भर भारत प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा है। नौसेना के सूत्रों ने कहा कि पनडुब्बी आठ अधिकारियों और 35 लोगों को ले जा सकती है।
वेला की खासियत
वेला की लंबाई 67.5 मीटर और ऊंचाई 12.3 मीटर है। बीम का माप 6.2 मीटर है। पानी के भीतर होने पर 20 समुद्री मील की हाईस्पीड और पानी पर यह 11 समुद्री मील स्पीड से चल सकती है। पनडुब्बी में चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन और शक्ति के लिए 360 बैटरी सेल हैं, और इसमें एक साइलेंट परामनेंटली मैग्नेटाइज्ड मोटर है। पनडुब्बी C303 एंटी टॉरपीडो काउंटरमेजर सिस्टम से लैस है। पनडुब्बी अपने साथ 18 टॉरपीडो या एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल या 30 माइंस तक ले जा सकती है।
इसका निर्माण जुलाई 2009 में शुरू हुआ था। पनडुब्बी का नाम मई 2019 में आईएनएस वेला रखा गया था। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने इस पनडुब्बी को सेवा में शामिल किया। साथ ही इस पर नौसेना का ध्वज फहराया।