अगले साल उड़ान भरेगा चंद्रयान-3, पर चंद्रयान-2 में शामिल एक अहम चीज रहेगी नदारद

चंद्रयान-3 को अंतिम रूप देने में लगे इसरो के वैज्ञानिक।

चंद्रयान-3 का लॉन्च अगले साल की शुरुआत में हो सकता है। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का एक मिशन रिपीट ही होगा। इसमें एक लैंडर और रोवर होगा, जो चंद्रयान-2 के ही समान है, लेकिन इसमें ऑरबिटर नहीं होगा। यह जानकारी परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। रविवार को डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लांच की तैयारियां चल रही हैं। प्रशिक्षण प्रक्रिया और अन्य कार्यवाहियां भी चल रही हैं। कोविड-19 के कारण गगनयान की योजना में कुछ बाधाएं आईं, लेकिन लगभग साल 2022 की समय-सीमा पर बने रहने के प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ. सिंह ने जानकारी दी कि इसरो के चंद्रयान-1 ने कुछ चित्र भेजे हैं, जिनसे पता चलता है कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंक सा लगता दिख रहा है। हालांकि, इस निष्कर्ष का संकेत यह है कि भले चांद की सतह लौह समृद्ध चट्टानों के लिए जानी जाती हो, वहां पानी और ऑक्सीजन की उपस्थिति ज्ञात नहीं है, जो किसी लोहे के संपर्क में आकर उसमें जंक लगने के लिए जरूरी दो तत्व हैं।