वाह री public, 80 के दशक के television में खोज निकाला सबसे मारक बीमारी का इलाज!!!

शटर वाला टेलीविजन (ऊपर), टेलीविजन का कन्डेंसर (नीचे)

दुनिया भर के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, पर पिंकसिटी जयपुर में 80 के दशक से पहले चलने वाले शटर वाले टेलीविजन में कोरोना की दवा की अफवाह ने खलबली मचा दी है। कुछ लोग कह रहे हैं कि शटर वाले इन टेलीविजनों के कन्डेंसर का लिक्वड (फोटो देखें) कोरोना का इलाज करेगा। जब से यह अफवाह फैली है, तब से ऐसे टेलीविजनों को ढूंढा जा रहा है। क्या रेडियो मार्केट और क्या रायसर प्लाजा? सब जगह मार मची पड़ी है।

अफवाह का नतीजा यह है कि शटर वाले टेलीविजन की कीमत 10 लाख रुपए तक पहुंचा दी गई है। हद तो यह है कि कुछ लोग उड़ा रहे हैं कि इन टेलीविजनों का ऑर्डर दुबई से आया है, वहां कोरोना खत्म करने की दवाई बनाई जाएगी।

पुराना माल बेचने वाली वेबसाइट Olx पर ऐसे टेलीविजन की कीमत 30,000 रुपए तक पहुंच गई है। राज बुलेटिन ने शहर में कुछ लोगों से इस संदर्भ में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि 70-80 के दशक में इन टेलीविजन का चलन था, पर वर्तमान में इनकी जगह कलर tv, led   ने ले ली है। ऐसे में लोगों ने इन्हें उठाकर पहले कबाड़खाने या फिर कबाड़ी को देना उचित समझा था। वैसे लोग ऐसी अफवाहों से बचने की सलाह भी दे रहे हैं।

(नरेंद्र चतुर्वेदी की रिपोर्ट)