क्या आप काम करेंगे 4.5 रुपए प्रति घंटा हार्ट ड्यूटी अलाउंस पर, हां या ना?

भारत में पुलिस को कोसना आम बात है। अधिकांश लोग पुलिसकर्मियों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगते हैं, लेकिन जिन परिस्थितियों में पुलिस काम कर रही है, वो किसी टॉर्चर से कम नहीं है। कम ही लोगों को पता होगा कि हार्ड ड्यूटी अलाउंस के रूप में राजस्थान पुलिसकर्मियों को मात्र 4.5 रुपए प्रति घंटा मिलते हैं। कमाल की बात यह है कि इसे बढ़ाकर 10 रुपए घंटा करने की मांग की जा रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, एक घंटे के 4.5 रुपए। आखिर क्या आता है 4.5 रुपए या 10 रुपए में।

पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं, लेकिन राजस्थान पुलिस के कर्मियों को पेट्रोल भत्ता 50 रुपए प्रति माह मिलता है। आप भी दो पहिया वाहन चलाते होंगे। बताएं 50 रुपए के पेट्रोल में सबसे ज्यादा माइलेज देने वाली गाड़ी कितने किलोमीटर चलेगी। अब 50 रुपए के भत्ते को बढ़ाकर 2000 रुपए करने की मांग की जा रही है। मोबाइल रिचार्ज के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। इस मद में 500 रुपए देने की मांग है। हालांकि, यह राशि भी बेहद कम है।

पुलिस कांस्टेबल का ग्रेड-पे 2400 रुपए से बढ़ाकर 3600 रुपए तृतीय श्रेणी शिक्षक के समकक्ष करने, मैस भत्ता 2000 मासिक से बढ़ाकर 4000 रुपए, वर्दी भत्ता 7000 रुपए/वार्षिक सें बढ़ाकर 10000 रुपए/वार्षिक की भी मांग की गई है। राजस्थान पुलिस कार्मिको की लंबे समय की इन्हीं मांगों के लिए 117 वर्तमान विधायकों व मंत्रियों और सात सांसदों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। अंत में एक और बात, पुलिस विभाग में साप्ताहिक अवकाश नाम की कोई चीज नहीं होती है।