Digital media की ताकत को न आज नकार सकते हैं न नजरअंदाज कर सकते हैं

प्रतीकात्मक फोटो

अकबर इलाहाबादी ने लिखा था, खींचो ना कमानो को, न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो। पर, आज दौर बदल गया है। आज अखबार (newspaper) निकालना तो आसान नहीं है, लेकिन आप वेबसाइट (website) या यूट्यूब (youtube) चैनल से सच को सामने जरूर ला सकते हैं। देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान आईआईएमसी, दिल्ली (iimc delhi) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने इसी बात का समर्थन किया। उन्होंने एक वेबीनार (webinar) में कहा, आज डिजिटल मीडिया (digital) को नजरअंदाज (ignore) नहीं कर सकते हैं।

द्विवेदी ने जयपुर से प्रकाशित द्विभाषी कम्युनिकेशन टुडे (communication today) त्रैमासिक मीडिया जर्नल ने 7th राष्ट्रीय वेबिनार डिजिटल मीडिया का संसार : कितना यथार्थ, कितना काल्पनिक विषय पर बेबाकी से डिजिटल मीडिया के पक्ष को रखा। द्विवेदी ने कहा, डिजिटल मीडिया ने तमाम उन लोगों को बात कहने का और चंद समय में लाखों तक पहुंचने का मौका दिया है, जिनकी बात मुख्यधारा में नहीं की जा रही थी या फिर उन्हें जगह नहीं मिल रहा था।

द्विवेदी ने कहा, आने वाला दौर डिजिटल मीडिया का है। फेक न्यूज के मुद्दे को उठाते हुए प्रो. संजय ने यह जरूर कहा कि हमारे सामने चुनौती है, इससे निपटने की और इसके लिए हमें लोगों को प्रशिक्षित करने की भी जरूरत है।

कम्युनिकेशन टुडे के संपादक और राजस्थान यूनिवर्सिटी के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो. संजीव  भानावत ने कहा, सोशल मीडिया से दूसरे मीडिया को कोई नुकसान नहीं है। यह तो सशक्त मिडियम बन रहा है। जनमानस की आवाज बन रहा है। आने वाले दिनों में इसका रोल और ज्यादा होगी। मैसूर यूनिवर्सिटी की पत्रकारिता विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सपना एम.एस ने कहा, एक-एक दिन में हजारों-हजार फ़ोटो और वीडियो फेसबुक पर डाले जा रहे हैं। यहां सूचनाओं का महाजाल है।

Polltalk.in के एडिटर संतोष कुमार पांडेय ने कहा, सोशल और डिजिटल मीडिया पर खुद निगरानी रखने का सिस्टम बन रहा है। जैसे यूट्यूब में स्ट्राइक मारना, कॉपी कंटेंट पर रोक लगाना और फेक वीडियो को रिमूव करना तमाम चीजें बन गई हैं। कंटेंट पॉलिसी की वजह से अब सत्यता पर बात हो रही है। ऐसे ही डिजिटल मीडिया में भी इन सारी चीजों पर काम हो रहा है। अब मनमानी तरीके से यहां काम नहीं कर सकते हैं। यहां वनवे कम्युनिकेशन नहीं है।

लेट्सअप के रीजनल एडिटर लक्ष्मी शंकर मिश्र ने भी अपनी बात रखी। कम्युनिकेशन टुडे की डिप्टी एडिटर और शहीद मंगल पांडे पीजी गर्ल्स कॉलेज, मेरठ में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. ऊषा साहनी होस्ट रहीं। मीडिया के शोधार्थी पृथ्वी सेंगर ने तकनीकी सहयोग संभाला। राजस्थान यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी की विभाग की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. जया चक्रवर्ती, जयपुर के कल्याण सिंह कोठारी , बिहार की डॉ. अर्चना भारती, नासिक से अल्पना जैन, मोतिहारी से अमृतेश कुमार ठाकुर, डॉ. अमित शर्मा सहित 20 स्टेट्स के 100 से अधिक प्रतिभागियों सहभागिता की।