पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM) की शपथ लेने जा रहे कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी (congress MLA Charanjit Singh Channi) को लेकर सोशल मीडिया पर अलग ही बहस छिड़ी हुई है। जहां चन्नी खुद को दलित सिख बता रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें ईसाई कन्वर्ट बताया जा रहा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt.Amarinder Singh) की कुर्सी की बलि लेने के बाद कांग्रेस (congress) में नए मुख्यमंत्री को लेकर लंबी जद्दोजहद चली। सुनील जाखड़, नवजोत सिंह सिद्धू, अंबिका सोनी और सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम आगे आए, लेकिन जैसा भाजपा (BJP) ने गुजरात में भूपेंद्र पटेल को गद्दी देकर प्रयोग किया, उसी राह पर कांग्रेस ने चन्नी पर दांव लगाया। चन्नी ने अभी कुर्सी संभाली नहीं है, पर कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है।
पहली कंट्रोवर्सी चन्नी के सिख होने को लेकर है। सुदर्शन न्यूज के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके ने ट्वीट करके अलग ही दावा कर डाला है। उन्होंने चन्नी की पत्नी की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया, दलित सिख नहीं, बल्कि इसाई मुख्यमंत्री दिया है पंजाब को कॉंग्रेस ने? उनकी पत्नी हमको प्रतिक्रिया दे रही हैं तो पीछे दिवार पर क्रॉस लटक रहा है! चव्हाणके के इस ट्वीट को 4399 रि-ट्वीट, 223 कोट और 9667 लाइक मिले हैं।
ईसाई कन्वर्जन के विरोध में सोशल मीडिया पर सक्रिय noconversion नाम के टि्वटर (twitter) हैंडल ने चन्नी की पास्टर हंस के साथ मंच साझा करते हुए फोटो शेयर की। लिखा, भाजपा और सिख नेतृत्व की एक और नाकामी… पंजाब अगला केरल है। इस ट्वीट को 966 बार रि-ट्वीट किया गया है। noconversion पंजाब में ईसाई कन्वर्जन को लेकर मुहिम चलाता है। दरअसल, जालंधर समेत पंजाब के कई इलाकों में पिछले कुछ सालों से ईसाई कन्वर्जन बहुत तेजी से बढ़ा है। अनुसूचित जाति के सिखों के कन्वर्टन होने की संख्या ज्यादा है।
पेशे से वकील और टि्वटर पर सक्रिय दिव्य कुमार सोती ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई के चन्नी को पहला दलित मुख्यमंत्री बताने वाले ट्वीट पर लिखा, यह जानकर आश्चर्य हुआ कि सिख धर्म में जातियां और दलित हैं। हमें बताया गया कि सिख धर्म समानता और समतावाद के बारे में है।
वैसे, चुनाव से चंद माह पहले कुर्सी संभाल रहे चन्नी के लिए राह आसान नहीं है। कांग्रेस ने भले दलित मुख्यमंत्री का राजनीतिक दांव खेला है, लेकिन अकाली-बसपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी की चुनौतियों के अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह का अगला कदम क्या होगा, यह भी पंजाब में कांग्रेस के भविष्य को तय करेगा। यदि कैप्टन कांग्रेस से अलग राह अपनाते हैं तो चन्नी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ना तय हैं।