मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन को तेजी से विस्तार देने के लिए संगठन ने प्रत्येक राज्य में राजस्थान उद्योग मित्र बनाए हैं। संस्था के संस्थापक महासचिव सी.ए विजय गर्ग ने बताया, पूरी दुनिया में मारवाड़ी शब्द को उद्यमिता की पहचान माना जाता है। मारवाड़ी (marwadi) देश के सभी राज्यों और विदेशों में उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान रहे हैं। मारवाड़ियों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। इसी दिशा में राजस्थान में तेजी से औद्योगिक विकास व आर्थिक विकास को गति देने के लिए, राजस्थान (rajasthan) के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए, राजस्थान को देश-विदेश के मानचित्र पर औद्योगिक स्टेट का दर्जा देने के लिए और मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन विशेष रूप से कार्य कर रहा है।
गर्ग ने बताया, मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन ने राजस्थान में तेजी से औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए प्रवासी राजस्थानियों को औद्योगिक नीतियों, कर प्रणाली, वित्तीय प्रबंधन, टैक्स कंसलटेंट, इंडस्ट्री कंसलटेंट आदि निपुण हैं। इसके पास चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेट्री, टैक्स कंसलटेंट, आईसीसीडब्ल्यू, कॉस्ट अकाउंटेंट आदि की डिग्रियां और अनुभव हो, उनको राजस्थान उद्योग मित्र के रूप में नियुक्त किया गया है। यह सभी राजस्थान उद्योग मित्र, राज्य सरकार को औद्योगिक और व्यापारिक नीतियों से संबंधित समय-समय पर सुझाव देंगे।
महासचिव गर्ग ने बताया, वास्तविक रूप से राजस्थान में कैसे निवेश के और अवसर उपलब्ध हो सकते हैं? यहां के युवाओं को कैसे रोजगार मिल सकता है? प्रदेश का आर्थिक विकास तेजी से कैसे हो सकता है? इस संबंध में अपनी राय मशवरा देंगे। प्रवासी राजस्थानियों को प्रदेश में उद्योग व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आकर्षित करेंगे।
गर्ग ने बताया, आंध्र प्रदेश से विभोर बगरिया, अरुणाचल प्रदेश से अमित गुप्ता, असम से ब्रह्मदत्त दारुड़िया, बिहार से अरुण कुमार खोवाला, छत्तीसगढ़ से आनंद कुमार अग्रवाल, गोवा से गोपाल जैन, गुजरात से महेश कुमार मित्तल, हरियाणा से विजय कुमार गुप्ता, हिमाचल प्रदेश में विपुल शर्मा, झारखंड से कैलाश चंद सिंघानिया, कर्नाटक से हितेश कुमार मोदी, मध्य प्रदेश में विकास जैन, महाराष्ट्र-मुंबई में संजीव माहेश्वरी, नागपुर में कीर्ति अग्रवाल, मणिपुर में मनमोहन कुमार माहेश्वरी, मेघालय में अमित शर्मा, मिजोरम में अजय जोशी, नागालैंड में अजीत कुमार जैन, ओडिशा में हेमंत मोर, पंजाब में हरीश गोयल, राजस्थान में नटवर शारदा, सिक्किम में नेहरू मरदा, तमिलनाडु में राजेंद्र कुमार, तेलंगाना में हितेश जैन, त्रिपुरा में प्रवास सुराणा, उत्तर प्रदेश में श्रीनिवास सैनी, उत्तराखंड में पल्लवी जैन, पश्चिम बंगाल में सुबोध अग्रवाल, अंडमान एंड निकोबार में अमन गुप्ता, चंडीगढ़ में सुनील गोयल, दादर एवं नगर हवेली में आशीष शर्मा, दिल्ली में अनिल जैन, जम्मू-कश्मीर में अनिल शर्मा, लक्ष्यदीप में प्रिया जैन, पुड्डुचेरी से कौशल राज, लद्दाख में अमन सिंह को राजस्थान उद्योग मित्र के रूप में नियुक्त किया गया है। यह सभी प्रवासी राजस्थानी हैं और उद्योग-व्यापार से संबंधित नीतियों में विशेष अनुभव रखते हैं।
महासचिव ने बताया, राजस्थान प्रदेश में तेजी से आर्थिक विकास के लिए पहली बार राजस्थान के बाहर प्रत्येक राज्य में राजस्थान औद्योगिक मित्रों की नियुक्ति की गई है। इनको राजस्थान की निवेश नीति, औद्योगिक नीति और व्यापारिक नीतियों की जानकारी दी गई है। उनसे संबंधित सुधारों और उपाय को बताने के लिए कहा गया है, जिससे राजस्थान में निवेश, औद्योगिक नीति और बेहतर तरीके से कार्य कर सकें। राजस्थान में अधिक निवेश के अवसर उपलब्ध हो, जिससे प्रदेश का तेजी से आर्थिक विकास व यहां के युवाओं को और अधिक रोजगार के अवसर मिल सके।
गर्ग ने बताया, यह सभी “राजस्थान उद्योग मित्र” राजस्थान में प्रवासी राजस्थानियों की उद्योग-व्यापार लगाने में मदद करेंगे। सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं, उन सब की विस्तृत जानकारी प्रवासी मारवाड़ियों को उपलब्ध कराएंगे। संस्था का उद्देश्य है कि राजस्थान में प्रवासी मारवाड़ियों द्वारा वापस से उद्योग व्यापार की स्थापना की जाए, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके, जिससे प्रदेश का तेजी से आर्थिक विकास हो।
संस्थापक महासचिव ने बताया, राजस्थान में संपूर्ण आर्थिक विकास के लिए संस्था द्वारा प्रथम चरण में राजस्थान के सभी 33 जिलों में उद्योग मित्र नियुक्त किए गए थे। इसी श्रृंखला में द्वितीय चरण में भारत के प्रत्येक राज्य में राजस्थान उद्योग मित्र नियुक्त किए गए हैं। इसी क्रम में आने वाले समय में तृतीय चरण में भारत के बाहर विभिन्न देशों में मारवाड़ी उद्योग मित्र की नियुक्ति की जाएंगे, जिससे राजस्थान प्रदेश के संपूर्ण आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति मिले मिल सके।