आने वाली पूर्णिमा (अर्थात जेष्ठ पूर्णिमा) के दिन ग्रहों के यह योग बन रहे हैं। इस चक्र में आप देख सकते हैं की चंद्रमा (moon) के आगे पीछे शनि और केतु जैसे पाप ग्रह बैठे हैं। ठीक उसी तरह से सूर्य के आगे पीछे राहु और मंगल जैसे पाप ग्रह विराजमान हैं। राहु के साथ तो बुध भी है। ग्रहों के इस तरह के योग का विश्लेषण करते हुए तमाम ज्योतिषी तरह-तरह के निष्कर्ष निकाल रहे हैं।
कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि इसे त्रिकोण योग भी कहते हैं और यह योग इस बार थोड़ा ज्यादा प्रभावशाली हो गया है, क्योंकि सूर्य और चंद्रमा दोनों के आगे पीछे पाप ग्रह एकत्र हो रहे हैं। इस तरह के योग बनने पर प्रकृति में भी और शासन-प्रशासन व राजनीति (politics) में भी काफी उठापटक की आशंका बन जाती है। मौसम और उच्च पदस्थ (राजाओं, मंत्रियों) लोगों के मिजाज बिगड़ने से जनता में खास वर्ग को दिक्कतें हो सकती हैं और राजनीतिक उठापटक से कुछ महत्वपूर्ण लोगों की कुर्सियों पर काफी असर पड़ सकता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश (up) में एक मान्यता है कि यदि वर और कन्या दोनों जेठ (अर्थात भाई-बहनों में सबसे बड़े) हों तो जेठ महीने में उनका विवाह नहीं करना चाहिए, यानी 3 जेष्ठ का मिल जाना अशुभ माना जाता है।
ज्योतिष के जानकार इस चार्ट पर यदि गहराई से दृष्टि डालें तो पाएंगे कि भाग्येश सूर्य केंद्र में है और वह बृहस्पति से दृष्ट है। इसके साथ ही उसकी सिंह राशि भी बृहस्पति से दृष्ट है, ऐसा बृहस्पति जो लग्नेश और राशि दोनों हैं…इस तरह से सूर्य अर्थात ग्रहों का राजा इस स्थिति में बहुत ही ज्यादा मजबूत हो जाता है। बहुत ताकतवर हो जाता है, परंतु उसके दूसरे छठें, आठवें और बारहवें घर में पाप ग्रहों का इस तरह से एकत्र हो जाना भी बहुत मायने रखता है। यह गठबंधन भीषण टकराव जैसी स्थिति की ओर भी संकेत कर रहा है।
सिर्फ इतना ही नहीं… पूर्णिमा का मजबूत चंद्रमा भी कुछ ऐसी ही स्थितियों में फंस गया है, अर्थात उसके भी दूसरे, छठें, आठवें और बारहवें घर में पाप ग्रह एकत्र हो गए हैं। पूर्णिमा का यह चंद्रमा भले ही सूर्य से पूरी ताकत पा रहा है, परंतु पाप ग्रहों का चार महत्वपूर्ण स्थानों पर एकत्र होकर के चंद्रमा का घेराव कर लेना, एक तरह से यह कुछ चक्रव्यूह जैसी स्थिति भी बनती हुई दिखाई पड़ रही है। जैसा कि सूर्य और चंद्रमा भले ही अपनी पूरी मजबूती लिए हुए हैं, परंतु पाप ग्रहों का यह गठबंधन किस हद तक उन्हें टकराव में परेशान कर पाएगा..?
ग्रहों का यह खेल आप जल्दी ही देखने वाले हैं। इसके प्रारंभिक संकेत तो एक-दो दिन में ही मिलने लगेंगे और इस महीने के शेष दिनों और जुलाई के पहले पखवाड़े में यह पूरा खेल आप के सामने आएगा। ध्यान रहे कि किसी प्रदेश या देश की सीमा रेखा तक सीमित करके इसके परिणामों, दुष्परिणामों को आप मत देखिएगा। ग्रहों का असर बहुत व्यापक दिखेगा आपको… बारीकी से नजर रखिएगा।
(साभार – प्रमोद शुक्ला)