मरणोपरांत मंजुला जैन (बरडिया) का देहदान, अध्ययनरत छात्रों के शोध में काम आएगी

जयपुर. मंजुला जैन (बरडिया), उम्र 72 वर्ष निवासी आदर्श नगर का आकस्मिक निधन 1 सितंबर को हो जाने पर उनकी स्वयं की इच्छानुसार उनके पुत्र मनीष जैन और पुत्री विनीता नाहर ने देहदान के लिए जैन सोश्यल ग्रुप सेंट्रल संस्था के फाउंडर प्रेसिडेंट कमल संचेती से संपर्क किया। चर्चा उपरांत मंजुला का मरणोपरांत देहदान 2 सितंबर को एनोटामी विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जोरावर सिंह गेट, जयपुर को किया गया।
मंजुला जैन श्री ज्ञान विचक्षण महिला मंडल की संस्थापक सदस्य और सांस्कृतिक मंत्री के रूप में रहीं, जो निरंतर 40 वर्षों से इस पद पर कार्य करते हुए संस्कृति संरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रही थीं। इसके अतिरिक्त संगिनी और अन्य संस्थाओं से भी आप जुड़ी हुई थीं। वे हंसमुख और मधुरभाषी होने के साथ बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी, अध्यापन के साथ-साथ वो धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में निरंतर सक्रिय रहीं। वो गायन के साथ मेहंदी कला (देश-विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त) और सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों के संचालन के कारण भी विख्यात रहीं।
देहदान में मिली देह राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों के शोध में काम आएगी। देहदान के बाद राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान तथा जैन सोश्यल ग्रुप सेंट्रल संस्था की ओर से परिजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। इस पुनीत कार्य पर इंस्टिट्यूट के सहयोग से मंजुला जैन की यादों को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए जग्गा जी की बावड़ी, गलता रोड परिसर में फल के पौधे का पौधारोपण भी किया गया।