Nagar nigam election दावेदारों से बचने को नेता जी ने स्विच ऑफ किया mobile

विधायक जी (MLA) या नेता जी अपना वादा पूरा करें भी तो कैसे? नगर निगम चुनाव (Nagar nigam election) में दावेदार अधिक हैं और टिकट (ticket) कम। जयपुर (jaipur) में आलम यह है कि विधायक जी दावेदारों के लगातार आ रहे फोन से बचने के गलियां ढूंढ रहे हैं। उनके मोबाइल स्विच ऑफ (mobile switch off) हो गए हैं। कांग्रेस (congress) और भाजपा (bjp), दोनों पार्टियों में टिकट वितरकों का एक जैसा हाल है।

जयपुर में पार्षद प्रत्याशी बनने के लिए कई लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं। अपने क्षेत्रीय विधायक या बड़े नेता के सामने दावेदारी जताने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। विधायक साहब को अपना पुराना वादा भी याद दिला रहे हैं। वैसे नेता जी के रवैये से दावेदारी जता रहे कई कार्यकर्ता मायूस भी हो गए हैं।

कांग्रेस में एआईसीसी (aicc) से एक को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। सभी निगम क्षेत्रों के लिए ऑब्जर्वर रखे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि विधायक, विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी, जिला प्रभारी मंत्री से रायशुमारी करके पार्षद टिकट बांटेंगे। ऐसे में विधायक अपने किसी एक पसंदीदा कार्यकर्ता को ही टिकट दे पाएंगे। दावेदारी जता रहे अन्य कार्यकर्ता को पार्टी का फैसला बताकर पल्ला झाड़ लिया जाएगा।

कुछ-कुछ इसी फार्मूला पर भाजपा भी चल रही है। पार्टी ने नगर निगम प्रभारी बना दिए हैं। दावेदारी जता रहे कार्यकर्ता अपनी नाराजगी सीधे विधायक या दूसरे बड़े नेता से जाहिर नहीं कर सकेंगे।

यही कारण है कि सत्ता के गलियारों में एक बार फिर से टिकटों की खरीद-फरोख्त की चर्चाएं आम होती जा रही हैं।

(रिपोर्ट : नरेंद्र चतुर्वेदी)