Millets Expert मेघना शुक्ला ने लाइव वर्कशॉप में बनाकर दिखाए मिलट्स के ढेरों व्यंजन

अमूमन माना जाता है कि स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ अच्छे स्वास्थ्य की चाहत नहीं करनी चाहिए, लेकिन मिलट्स (millets) विशेज्ञष मेघना शुक्ला ने इस धारणा को बदला है। बुधवार को मेघना ने जयपुर (jaipur) के डिग्गी पैलेस में आयोजित वर्कशॉप में मिलट्स की न केवल उपयोगी जानकारी दी, बल्कि कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर दिखाए।

वर्कशॉप में मेघना ने बताया कि वर्तमान में हम गेहूं और चावल का खाने में अत्याधिक उपयोग करते हैं। ये दोनों निगेटिव अनाज की श्रेणी में आते हैं, जबकि मिलट्स पॉजिटिव अनाज होते हैं। हम पांच तरह के मिलट्स सांवा, कुटकी, कोदो, कांगनी और छोटी कांगनी को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। फाइबर, प्रोटीन समेत अन्य मिनिरल्स से भरपूर मिलट्स के नियमित सेवन से डायबिटीज, कैंसर, थायराइड, मोटापा, एनिमिया, माइग्रेन जैसी अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है।

मेघना ने मिलट्स से व्यंजन बनाने की विधियां भी साझा कीं। उन्होंने वर्कशॉप में आईं महिलाओं को मिलट्स की रोटी, इडली, हलवा, लड्डू, पकौड़े, पूड़ी, कटलेट, शेक आदि बनाकर दिखाए। सभी ने लाइव वर्कशॉप में इन व्यंजनों को चखकर देखा और स्वाद की खुलकर तारीफ की।

वर्कशॉप की आयोजक वननेस सेंटर ऑफ हिलिंग की डॉ. गिरिजा कविराज और नीलिमा धारनिया ने बताया कि मिलट्स को भोजन में शामिल करना रोगमुक्त जीवन की ओर एक कदम है। वे समय-समय पर ऐसे वर्कशॉप आयोजित करती रहती हैं।