किसान भाइयों के लिए good news एक लाख रुपए की सालाना बचत का रास्ता साफ

प्रतीकात्मक फोटो

किसानों (farmers) के लिए अच्छी खबर (good news) है। शुक्रवार यानी 12 फरवरी को देश में पहली बार सीएनजी ट्रैक्टर (cng tractor) दौड़ेगा। डीजल से सीएनजी परिवर्तित इस ट्रैक्टर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) औपचारिक रूप से लॉन्च करेंगे। रावमट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से रूपांतरित इस ट्रैक्टर से किसानों को उत्पादन लागत कम करने और ग्रामीण भारत (rural india) में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण लाभ ईंधन की लागत पर सालाना एक लाख रुपए से अधिक की बचत करना सुलभ होगा। उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद मिलेगी।

सीएनजी की खूबियों की बात करें तो यह एक स्वच्छ ईंधन है, क्योंकि इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा सबसे कम है। यह बहुत किफायती है, क्योंकि इसमें सीसा लगभग शून्य के बराबर है। यह गैर-संक्षारक, गाढ़ा और कम प्रदूषण फैलाने वाला है, जो इंजन की जीवन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और इसके लिए नियमित रखरखाव की कम आवश्यकता होती है।

यह बेहद सस्ता है, क्योंकि सीएनजी की कीमतें पेट्रोल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की तुलना में कहीं अधिक सुसंगत हैं। डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में सीएनजी वाहनों का औसत माइलेज भी बेहतर है। यह बहुत सुरक्षित है, क्योंकि सीएनजी वाहन सीलबंद टैंक के साथ आते हैं, जो ईंधन भरने या स्पिल की स्थिति में विस्फोट की संभावना को न्यूनतम करता है।

यह ट्रैक्टर भविष्य को बेहतर बनाएगा, क्योंकि पूरी दुनिया में लगभग 1 करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं। दिन-प्रतिदिन अधिक से अधिक कंपनियां और नगर पालिकाएं सीएनजी को बढ़ावा देने के आंदोलन में शामिल हो रही हैं।

यह वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है, क्योंकि फ़सल की पराली का उपयोग बायो-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है, जो किसानों को उनके अपने इलाके में बायो-सीएनजी उत्पादन इकाइयों को बेचकर पैसा कमाने में मदद करेगा।

परीक्षण रिपोर्ट यह बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर उससे अधिक या बराबर शक्ति का उत्पादन करता है। इससे डीजल की तुलना में कुल कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कमी आई है। यह किसानों को ईंधन की लागत पर 50 प्रतिशत तक की बचत करने में मदद करेगा, क्योंकि वर्तमान में डीजल की कीमत 77.43 रुपए प्रति लीटर है, जबकि सीएनजी केवल 42 रुपए प्रति किलोग्राम है।