Ayodhya के बाद australia के इस शहर में भी बनेगा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का मॉडल। फाइल फोटो

अयोध्या (ayodhya) के बाद ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पर्थ (perth) शहर में भी भगवान श्रीराम (lord shri ram) का भव्य मंदिर (temple) बनने जा रहा है। भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पर्थ में रहने वाले भारतीय प्रवासियों द्वारा संस्थापित अंतरराष्ट्रीय श्रीराम वैदिक एवं सांस्कृतिक संघ (इक्ष्वाकु ISVACU) द्वारा किया जा रहा है।

इक्ष्वाकु संस्था श्रीराम मंदिर के लिए 150 एकड़ जमीन खरीद रही है, यह अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर से दोगुनी जमीन है। इक्ष्वाकु के संस्थापक डॉ. दिलावर सिंह ने बताया कि श्रीराम मंदिर इस बड़ी प्रेरणादायक परियोजना का मुख्य केंद्र होगा। मंदिर परिसर में श्रीराम मंदिर के अलावा योग और ध्यान केंद्र, कल्याण और सांस्कृतिक केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र, बहुक्रियाशील सामुदायिक हॉल, सामुदायिक रसोई, कला दीर्घाएं, प्राचीन पुस्तकों, लिपियों, रामायण और अन्य वैदिक प्रकाशनों के लिए पुस्तकालय भी शामिल होंगे।

डॉ. दिलावर सिंह ने बताया कि श्रीराम मंदिर में रंगीन बहुसांस्कृतिक प्रदर्शनों और दशहरा, दीपावली, राम-नवमी, हनुमान जयंती आदि त्योहारों, भक्ति संगीत प्रदर्शन और प्रसिद्ध गुरुओं और संतों द्वारा प्रस्तुतियों का आयोजन भी किया जाएगा। इक्ष्वाकु संस्था का मुख्य उद्देश्य श्रीराम के जीवन, सिद्धांतों और मूल्यों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्व के विभिन्न देशों में बढ़ावा देना है।

एक समतावादी समाज बनाने पर ध्यान केंद्रित करने और वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत पर दुनिया का निर्माण करने और समाज में समानता के महत्व को स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करना है। इक्ष्वाकु विश्व के कई देशों में श्रीराम मंदिर, योग केंद्र, ध्यान केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र, वेद अध्ययन केंद्र और प्राचीन पुस्तकों, लिपियों, रामायण और अन्य ग्रंथो के लिए पुस्तकालयों आदि के निर्माण और परिसरों को खरीदने और उनके रख रखाव की परिकल्पना करता है।

पर्थ स्थित भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में 500 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है, जिसके लिए इक्ष्वाकु विश्वभर से दान इकठ्ठा कर रही है। डॉ. दिलावर सिंह ने बताया कि पर्थ में बनने वाले श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए भारत से बेहिसाब सहयोग मिल रहा रहा है। संस्था की कार्यकारी समिति और मार्गदर्शक मंडल में भारत और विश्व भर से गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।