Corona ने ले ली फार्मूला चुराकर pakistan का परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिक की जान india से रहा था गहरा नाता

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पाकिस्तान (Pakistan) के विवादित वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कदीर खान नहीं रहे। डॉ. खान (dr. khan) पर विदेशों से परमाणु बम का फार्मूला चुराने के आरोप लगे। उत्तर कोरिया (north korea) और लीबिया (libiya) को परमाणु बम बनाने में सहयोग करने के लिए वो पश्चिमी देशों के निशाने पर रहे। साल 1935 में भोपाल (Bhopal) में जन्मे डॉ. खान को 26 अगस्त को रिसर्च लेबोरेटरीज हॉस्पिटल में कोरोना (corona) से संक्रमित होने बाद भर्ती कराया गया था, यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने तो एक इंटरव्यू में यहां तक कहा था कि डॉ. खान चोरी पकड़ी जाने पर उनके आगे रोने लगे थे और उनके पैरों में पड़ गए थे।

विभाजन के बाद डॉ. खान का परिवार पाकिस्तान चला गया था। 1961 में डॉ. खान पढ़ाई के लिए यूरोप चले गए। उन्होंने कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ बेल्जियम से पीएच.डी की उपाधि ली और 1972 में नीदरलैंड की फिजिकल डायनमिक लेबोरेटरी में काम करने लगे। साल 1974 में जब भारत के परमाणु परीक्षण के बाद डॉ. खान ने तत्कालीन पाकिस्तानी पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो को लिखा कि वे देश की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में सहयोग करना चाहते हैं। साल 1975 में अचानक पाकिस्तान आए डॉ. खान लेबोरेटरी से ब्लूप्रिंट की कॉपी, अन्य सामग्री और करीब 100 कंपनियों से संबंधित जानकारी भी चुराकर ले गए।

1980 में खान और उनके इंटरनेशनल नेटवर्क ने कथित तौर पर परमाणु सामग्री ईरान को भेजना शुरू कर दी। एक दशक बाद 1992 में पाकिस्तान ने उत्तरी कोरिया के साथ मिसाइल कॉपरेशन शुरू किया। खान यहीं नहीं रुके, उन्होंने 1997 में परमाणु सामग्री को लीबिया भेजना शुरू कर दिया। जब 1998 में पाकिस्तान ने 6 परमाणु परीक्षण किए तो पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया। तब आर्मी चीफ और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खान पर परमाणु सामग्री के प्रसार का आरोप लगाया। खान ने 2004 में मान भी लिया कि उन्होंने परमाणु हथियार बनाने में काम आने वाली सामग्री उत्तर कोरिया और लीबिया को सप्लाई की थी।

खान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत से ही यह काम हो सका है। इसके बाद खान को 2004 में नजरबंद कर दिया गया, लेकिन उनकी यह सजा अधिक लंबी नहीं चल सकी। हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (imran khan) ने कहा कि खान ने पाकिस्तान को परमाणु संपन्न देश बनाया है। इसलिए यहां के लोगों के लिए वे नेशनल आइकन हैं।