Uttarakhand भाजपा नेतृत्व rahul gandhi से कम उम्र के युवा के हाथ सौंप रहा राज्य की कमान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्वागत करते विधायक धन सिंह रावत।

आखिरकार उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) की विदाई हो गई। राज्य की कमान अब धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) संभालने जा रहे हैं, जबकि पुष्कर सिंह धामी उनके डिप्टी होंगे। खास बात यह है कि दोनों ही 50 वर्ष के कम उम्र के हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। जहां धामी लगातार दो विधानसभा चुनाव जीते, वहीं धन सिंह रावत वर्ष 2012 में चुनाव हार गए थे।

त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाने के चर्चाएं पिछले दो दिनों से मीडिया में दौड़ रही थीं। एक दिन पहले ही त्रिवेंद्र सिंह दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (jp nadda) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (home minister amit shah) से मिले थे। दिल्ली में त्रिवेंद्र सिंह ने उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से भी मुलाकात की थी। कुछ खबरों में बलूनी का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चला था। खास बात यह है कि बलूनी से मिलने उनके घर त्रिवेंद्र सिंह प्राइवेट गाड़ी में बिना सिक्योरिटी के पहुंचे थे। बलूनी भाजपा के नेशनल मीडिया इंचार्ज भी हैं।

हालांकि, कुछ खबरें ऐसी भी आई थीं कि भाजपा नेतृत्व अभी राज्य में मुख्यमंत्री नहीं बदलना चाहता। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि पांच राज्यों में चुनाव के चलते गलत मैसेज जा सकता है, लेकिन पिछले दिनों में त्रिवेंद्र सिंह रावत का घर में विरोध बढ़ा था। बड़ी संख्या में राज्य के विधायक उनके खिलाफ हो गए थे।

त्रिवेंद्र सिंह रावत को बनाए रखने में भाजपा नेतृत्व को राज्य में सत्ता जाने का संकट लग रहा था, क्योंकि पिछले वर्षों में राजस्थान (rajasthan) और झारखंड जैसे राज्यों में पार्टी ने सत्ता गंवाई थी। राजस्थान में वसुंधरा राजे (vasundhra raje) के भारी विरोध के बावजूद उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था, जबकि यह बात जगजाहिर थी कि राजे चुनाव नहीं जीताने जा रहीं। झारखंड में भी ना चाहते हुए भी पार्टी ने रघुवर दास के चेहरे पर चुनाव लड़ा। राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि यदि राजस्थान और झारखंड में मुख्यमंत्री बदल दिए होते तो नतीजे निश्चित रूप से कुछ और होते।

खैर, उत्तराखंड में भाजपा नेतृत्व में पिछली गलतियों से सबक लिया है। अब तक पार्टी के हाथ से बाजी निकल रही थी और कांग्रेस का पलड़ा भारी लग रहा था, लेकिन युवा मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी दोबारा टक्कर में आ गई लगती है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। पौड़ी गढ़वाल से आने वाले 48 वर्षीय नए मुख्यमंत्री धन सिंह रावत के पास खुद को साबित करने के लिए कम ही समय है। यह तो समय ही बताएगा कि वो राज्य की जनता को लुभा पाएंगे या नहीं।