वैश्विक महामारी कोरोना (corona) ने विश्व पटल पर अपनी विनाशकारी निशानदेही की है, जिससे हर देश प्रभावित हुआ है। ऐसे में भारत (india) ने इस आपदा को अवसर में बदलकर दुनिया को नया रास्ता दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) का कहना है कि इस वैश्विक आपदा से सभी देशों को एकजुट होकर मुकाबला करना होगा, जिसमें पड़ोसी देशों की भूमिका अधिक होनी चाहिए। पड़ोसी देश बांग्लादेश (bangladesh) ने मोदी की इस बात की न केवल गंभीरता को समझा, बल्कि कारगर पहल को भी अंजाम देना शुरू कर दिया। कोविड-19 वैक्सीन (vaccine) के संबंध में बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरई स्वामी ने ट्वीट किया। यह बात स्पष्ट है कि पीएम मोदी की अपील से भारत-बांग्लादेश संबंध प्रगाढ़ता की नई इबारत लिखने जा रहे हैं।
भारत ने बांग्लादेश से अपने पुरातन और बेहतर रिश्तों को रेखांकित करते हुए कदम आगे बढ़ाया है। दोनों देश अब मिलकर कोरोना से जंग लड़ेंगे। इसकी शुरुआत कोविड-19 खुराक के निर्यात के फैसले से हो गई है। बांग्लादेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा बेक्सीमेको फार्मास्यूटिकल्स के बीच एमओयू साइन (MOU sign) किया गया है। भारत बांग्लादेश को प्राथमिकता के साथ कोरोना वायरस की तीन करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगा। यह एमओयू भारत-बांग्लादेश संबंधों के बीच विश्वास को और ऊंचाई देगा।
कोरोना काल में जिस तरह भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को संभाला है। वह निश्चय ही वैश्विक स्तर पर उदाहरण है। हमारा भविष्य विज्ञान और नवाचार में निवेश करने वाले समाज का होगा। इस नवाचार की यात्रा को सहयोग और सार्वजनिक भागीदारी द्वारा ही आकार दिया जा सकता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा देश दुनिया में टीकों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है।
वैक्सीन में नवाचार के परिणाम मिले हैं। यह हमारे लिए हर्ष का विषय है कि निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए लगभग 70 प्रतिशत टीके भारत में निर्मित होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सभी का सहयोगात्मक रवैया ही इस महामारी को खत्म करने का आधार बन रहा है। जो हमारी रणनीति की असली पहचान और सबका साथ सबका विश्वास और सबका विकास का आधार भी है।