केंद्रीय मंत्री shekhawat का पश्चिम बंगाल और राजस्थान सरकार पर तीखा वार कही ये बड़ी बात

जोधपुर (jodhpur) से भाजपा सांसद (bjp mp) और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (central minister gajendra singh shekhawat) ने राजस्थान (rajasthan) के साथ पश्चिम बंगाल (west Bengal)  की कानून-व्यवस्था पर तीखे प्रहार किए हैं। अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे शेखावत ने कहा, दोनों सरकारें अपराध और अराजकता रोकने में नाकाम रही हैं। जहां पश्चिम बंगाल में भय, भूख और भ्रष्‍टाचार की राजनीति चलने के साथ सिंडीकेट और क्‍लब की जबरन वसूली से जनता पीड़ित है, वहीं अपराधों की राजधानी बनते जा रहे राजस्‍थान में यह रोग सिर्फ तबादलों से समाप्‍त नहीं होगा।

शेखावत राजस्थान की अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) सरकार के खिलाफ शुरू से आक्रमक रहे हैं। अब उन्हें पश्चिम बंगाल में दमदम, बारासात, कोलकाता साउथ, कोलकाता नार्थ और बोनगांव लोकसभा क्षेत्र की 35 विधानसभा सीटों का बड़ा दायित्व भी मिला है। पिछले कुछ दिनों में शेखावत ने बंगाल के कई दौरे कर घर-घर जनसंपर्क शुरू किया है। शेखावत की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस के कई कार्यकर्ता भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। यही कारण है कि शेखावत के अपने संसदीय क्षेत्र जोधपुर में भी मीडिया पश्चिम बंगाल को लेकर सवाल पूछने लगा है।

मीडिया ने जब केंद्रीय मंत्री से बंगाल में भाजपा की स्थिति पर सवाल दागे तो उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में पिछले पांच साल के दौरान भाजपा के 140 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्‍या हुई। हमारे हजारों कार्यकर्ताओं को बिना अपराध जेल में डाला गया और उनके घर उजाड़ दिए गए, इसके बावजूद जनता के उत्साह से भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश कई गुना बढ़ता जा रहा है। इस बार पश्चिम बंगाल में परिवर्तन की आंधी चल रही है। पिछले चार दशक से चल रहा अराजकता का शासन समाप्त होगा।

अपने गृह राज्य राजस्थान पर शेखावत ने कहा कि राज्य में कानून-व्‍यवस्‍था पूर्ण रूप से छिन्‍न-भिन्‍न हो गई है। महिलाओं पर अत्‍याचार और अपराध से लेकर पुलिस का इकबाल खत्‍म हुआ है। पुलिस थानों पर हमले की घटनाएं हो रही हैं। थानों से अपराधी छुड़ाए जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन पर बजरी माफिया हावी होता दिखाई दे रहा है।

शेखावत ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गृह विभाग का दायित्व भी है, इसलिए कानून व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी उन्हीं के पास है, लेकिन सरकार इस रोग की समाप्ति के लिए केवल तबादले करने के अतिरिक्‍त कुछ नहीं कर पा रही है। मैं कई बार कह चुका हूं कि सरकार को राजस्‍थान की कानून व्‍यवस्‍था को सुधारने पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है।