Rajasthan election मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक रणनीति ने बचा ली congress की लाज

राजस्थान (rajasthan) के तीन बड़े शहरों जयपुर (jaipur), जोधपुर (jodhpur) और कोटा (kota) में नगर निगम चुनाव (local body election) में भाजपा (bjp) और कांग्रेस (congress) के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटा है। जहां कांग्रेस ने जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर में स्पष्ट बहुमत हासिल किया, वहीं भाजपा ने जयपुर ग्रेटर और जोधपुर दक्षिण में परचम लहराया। कोटा दक्षिण और जयपुर हैरिटेज में किसी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ। यदि नगर निगमों का इतिहास देखें तो कांग्रेस के लिए यह बड़ी कामयाबी है। पहले इन नगर निगमों में भाजपा ही बोर्ड बनाती आ रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) की एक रणनीति ने समीकरण बदल दिए।

राज्य की सत्ता में आने के बाद गहलोत सरकार ने तीनों नगर निगमों का परिसीमन बदला। तीनों शहरों को दो-दो भागों में कुछ यूं बांटा, जिससे सत्ताधारी कांग्रेस को फायदा हो सके। परिसीमन के समय वोटबैंक का विशेष ध्यान रखा गया। धर्म और जाति के समीकरण बिठाए गए।

जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण और कोटा उत्तर में स्पष्ट बहुमत मिला है, इसलिए यहां पेंच अटकना मुश्किल है। जयपुर हैरिटेज और कोटा दक्षिण में भले किसी को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन कांग्रेस यहां बोर्ड बना लेगी। उसे सत्ताधारी पार्टी होने का निश्चित ही लाभ मिलेगा।

आज के नतीजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राहत भरे कहे जा सकते हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (sachin pilot) के साथ राजनीतिक लड़ाई में फंसे गहलोत को राहत मिलेगी। जोधपुर में मुख्यमंत्री के सुपुत्र वैभव गहलोत ने चुनाव की कमान संभाली हुई थी। जोधपुर उत्तर में बड़ी जीत का ताज वैभव के सिर पहनाया जाएगा। जोधपुर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी।