Rajasthan में अब सात फेरे लेने के 30 दिन के भीतर कराना होगा यह जरूरी काम

राजस्थान (rajasthan) विधानसभा ने राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अब विवाह होने के 30 दिन के भीतर विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। जो वर-वधू जिस स्थान पर 30 दिन (30 days) से अधिक निवास करते आ रहे हो, वह उस स्थान से संबंधित विवाह रजिस्ट्रेशन अधिकारी के समक्ष भी आवेदन ज्ञापित कर सकते हैं।

संसदीय मामलात मंत्री शांति कुमार धारीवाल (shanti kumar dhariwal) ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि इस संशोधन के बाद अब विवाहित जोड़ा या वर ने 21 और वधू ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हो तो उनके माता-पिता या संरक्षक को विवाह होने की तारीख से 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार को आवेदन ज्ञापित करना होगा।  

धारीवाल ने बताया कि हर विवाहित को (चाहे बाल विवाह ही क्यों नहीं हो) रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। संशोधन ये भी नहीं कहता कि ऐसे विवाह वैध होंगे। जिला कलेक्टर चाहे तो उन पर कार्रवाई कर सकते हैं। यह संशोधन केंद्रीय कानून का विरोधाभास नहीं है। उच्चतम न्यायालय का भी फैसला है कि विवाहों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।

धारीवाल ने कहा कि अब जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के साथ-साथ अपर जिला विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और ब्लॉक विवाह रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्तर पर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। ये अधिकारी रजिस्ट्रीकरण के कार्य को निगरानी और पुनरीक्षित कर सकेंगे। इसे आमजन को रजिस्ट्रीकरण कराने में आसानी हो सकेगी। इससे कार्यों में सरलता और पारदर्शिता आएगी।

संसदीय मामलात मंत्री ने कहा कि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र विधिक दस्तावेज है। इसके नहीं होने से, विधवाओं को कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। अब अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण से वर-वधू में से किसी एक की या दोनों की भी मृत्यु होने पर भी परिजन विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले, सदन ने विधेयक को प्रचारित करने के सदस्यों के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।