MOHUA की स्वच्छ टॉयकैथॉन में बेकार हो चुकी सामग्री से बनाएं TOYS

आवासन एवं शहरी मामलों का मंत्रालय (MOHUA) अपशिष्ठ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए खिलौना क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत एमओएचयूए ने ‘स्वच्छ टॉयकैथॉन’ शुरू किया है, जो नायाब और क्रिएटिव आइडिया के साथ कचरे को खिलौनों में बदलने के लिए एक प्रतियोगिता है।

मंत्रालय ने खिलौना उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर यह प्रतियोगिता शुरू की है। यह प्रतियोगिता ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव’ के तहत शुरू की जा रही है, जो 17 सितंबर (सेवा दिवस) से शुरू हो चुकी है और 2 अक्टूबर (स्वच्छता दिवस) तक स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों का एक हिस्सा है।

मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने सोमवार को माईगॉव पोर्टल पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का अनावरण और टूलकिट जारी करके स्वच्छ टॉयकैथॉन का शुभारंभ किया। खिलौनों के सृजन या निर्माण में कचरे के उपयोग के साथ समाधान तलाशने के प्रयासों के साथ यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। जोशी ने क्रिएटिव युवाओं से नवीन समाधानों (इनोवेटिव सॉल्यूशंस) के साथ ऐसे प्रॉडक्ट पेश करने की अपील की, जो एक तरफ खिलौनों की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम हों और दूसरी तरफ ठोस-अपशिष्ट के प्रभावों से भी निपट सके।

प्रो. उदय अठवंकर (सेवानिवृत्त प्रोफेसर और औद्योगिक डिजाइन केंद्र, आईआईटी बॉम्बे प्रमुख), आईआईटी गांधीनगर से प्रो. मनीष जैन और टॉय बैंक से विद्युन गोयल ने टॉय-गेम डिजाइन, ज्ञान संबंधी विज्ञान और खिलौना उद्योग पर पड़ने वाले इस पहल के प्रभाव पर अपने विचार रखे। प्रोफेसर उदय अठवंकर ने विभिन्न गेम्स खेलकर बच्चों के सोचने समझने और उनके ज्ञानवर्धन जैसी प्रक्रियाओं को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ बच्चों को पढ़ाने के तरीके को बदलने की आवश्यकता के बारे में भी अपने विचार रखे।

प्रो. मनीष जैन, (सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग, आईआईटी गांधीनगर में प्रिंसिपल को-ऑर्डिनेटर) ने कहा कि खिलौने बच्चों को उनकी कल्पना की यात्रा पर लेकर जाने के लिए आश्चर्य और आनंद का स्रोत बने रहने चाहिए। उन्होंने उदाहरणों के साथ समझाया कि कैसे घरेलू कचरे को खिलौनों में बदला जा सकता है, जो बच्चों को विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में भी सिखाते हैं।

टॉयबैंक की संस्थापक विद्युन गोयल ने हाशिए पर पड़े समुदायों के बच्चों के ‘खेलने का अधिकार’ सुनिश्चित करने के लिए पुराने और बेकार खिलौनों को फिर से तैयार करने में उनके संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। स्वच्छ टॉयकैथॉन की रूपरेखा पर बोलते हुए मंत्रालय की संयुक्त सचिव रूपा मिश्रा ने पहल में शामिल किए जा रहे व्यापक दृष्टिकोण को प्रतियोगिता के बाद भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उसके बाद उन्होंने प्रतियोगिता का टूलकिट प्रस्तुत किया, जिसमें प्रतियोगिता में भाग लेने के तौर-तरीकों का विवरण दिया गया है।

तीन व्यापक विषयों पर आधारित प्रतियोगिता

स्वच्छ टॉयकैथॉन व्यक्तियों और समूहों के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता है। यह तीन व्यापक विषयों पर आधारित है

1. फन एंड लर्न, जो घर, कार्यस्थल और आसपास के कचरे से खिलौनों के डिजाइन और शुरुआती प्रोटोटाइप के लिए विचारों की तलाश करता है।

2. यूज एंड एंजॉय, जो डिजाइन और ऐसे गेम्स के मॉडल के लिए विचारों की तलाश करता है, जिनके जरिए कचरे से बने उत्पादों से पार्क/खुले स्थान पर खेला जा सके।

3. न्यू फ्रॉम ओल्ड, जो खिलौना उद्योग में सर्कुलरिटी के लिए विचार/समाधान/कार्य मॉडल की तलाश करते हैं। 

विजेताओं को ये होगा लाभ

प्रत्येक श्रेणी और विषयगत क्षेत्र से शीर्ष तीन एंट्रीज को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) प्रदान किया जाएगा और आईआईटी गांधीनगर में रचनात्मक शिक्षण कार्यशालाओं (क्रिएटिव लर्निंग वर्कशॉप्स) की सुविधा प्रदान की जाएगी। विजेता स्टार्ट-अप/व्यक्तियों को आईआईटी कानपुर द्वारा भी समर्थन प्रदान किया जाएगा, साथ ही सम्मानित किए गए डिजाइनों को बढ़ावा देने के लिए खिलौना उद्योग के साथ सम्मानित प्ले जोन डिजाइनों को लागू करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के साथ जुड़ाव प्रदान किया जाएगा।