आठ महीने बाद Jaipur के आमेर महल लौटे हाथियों और महावतों का दर्द आपको दुःखी कर देगा

सज-धज कर आमेर महल पहुंचे हाथी।

जयपुर (jaipur) के प्रसिद्ध आमेर महल (amber mahal) में हाथी (elephant) की सवारी आठ महीने (8 months) बाद फिर शुरू हो गई। कोरोना महामारी (corona) के कारण इसे 17 मार्च को बंद कर दिया गया था। जब हाथी लौटे हैं तो पर्यटक (tourist) नदारद हैं। फिलहाल मुट्ठीभर देसी पर्यटक महल देखने पहुंच रहे हैं, जबकि विदेशी पर्यटक आ ही नहीं रहे। पहले दिन केवल दो हाथी सवारी लेकर आमेर महल का चक्कर लगाकर आए। 94 अन्य हाथी सज-धज कर खड़े रहे और शाम को हाथी गांव लौट आए।

आमेर के हाथी गांव में मार्च में 104 हाथी थे। सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान 4 हाथियों का निधन हो गया। महावतों ने केवल एक का पोस्टमार्टम कराया। शेष बचे हाथियों में एक वृद्ध है, जिसकी आंखों की रोशनी चली गई है। केवल कसरत हो जाए, इसलिए महावत उसे भी लेकर आ जाते हैं। एक हाथी आमेर महल घूमाने के 1100 रुपए लेता है। पहले दिन मात्र 2200 रुपए की आमदनी हुई।

कोरोना गाइडलाइन्स के कारण सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) के आदेश हैं, ऐसे में हाथी की सवारी इसका पालन कैसे करेगी, क्योंकि हाथी पर दो लोग बैठते हैं और महावत करीब रहता है।

पर्यटन इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने कहा, कोरोना के कारण पर्यटन से जुड़े सारे लोग बेरोजगार हैं। पिछले दिनों दिल्ली से देसी पर्यटकों ने आना शुरू किया था, लेकिन गुर्जर आंदोलन के कारण अब वो भी नहीं आ रहे हैं। हाथी की सवारी भले शुरू हो गई है, लेकिन बहुत फायदा होता नहीं दिख रहा है।

पर्यटन से जुड़े मनीष शर्मा कहते हैं कि ये सीजन तो खाली जाता दिख रहा है। वर्ष 2021 में भी बहुत अधिक उम्मीद नजर नहीं आती। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक पर्यटन इंडस्ट्री के उठने की उम्मीद ना के बराबर है।