community kitchens से मिलेगा सबको भोजन 8 Food secretaries बनाएंगे national policy

खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने गुरुवार को आठ राज्यों के खाद्य सचिवों का एक समूह बनाया। ये समूह सामुदायिक रसोई (community kitchens) योजना के लिए रूपरेखा तैयार करेगा। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने 16 नवंबर को भुखमरी से हुई मौतों के संबंध में एक याचिका पर अपनी पिछली सुनवाई में सामुदायिक रसोई चलाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हर कल्याणकारी राज्य की पहली जिम्मेदारी भूख से मरने वाले लोगों को भोजन उपलब्ध कराना होनी चाहिए।
याचिका में एक राष्ट्रीय खाद्य ग्रिड के साथ-साथ सामुदायिक रसोई योजना के गठन का आग्रह किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति खाली पेट न सोए और इस बात पर अफसोस जताया कि भारत में भुखमरी के कारण व्यक्तियों की मृत्यु पर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है। अदालत ने आवश्यक धन सहित राज्य सरकारों के परामर्श से सामुदायिक रसोई चलाने के लिए एक राष्ट्रीय नीति (national policy) तैयार करने में प्रगति की कमी के लिए केंद्र की खिंचाई की, और ऐसा करने के लिए उसे तीन सप्ताह की समय सीमा दी। लेकिन तय सीमा निकल जाने के बावूजद इस काम में कोई प्रगति नहीं हुई। इसे देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने आठ राज्यों के खाद्य सचिवों का एक समूह बनाकर उसे जिम्मेदारी सौंपी है।
भूख से मौत का कोई मामला नहीं आया सामने
राज्य के खाद्य मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, “यह एक बड़ी उपलब्धि थी कि COVID-19 के चरम के दौरान भी सरकार की ओर से भोजन की कमी नहीं होने दी गई। जरूरतमंदों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया गया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के परिणामस्वरूप, महामारी के दौरान भूख से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है।
मध्यप्रदेश के खाद्य सचिव करेंगे समूह का नेतृत्व
खाद्य सचिवों के समूह की स्थापना करते हुए गोयल ने कहा कि एक नई सामुदायिक रसोई योजना को सरल और पारदर्शी बनाने और गुणवत्ता, स्वच्छता, विश्वसनीयता और सेवा की भावना के चार स्तंभों पर निर्माण करने की आवश्यकता है। इस समूह का नेतृत्व मध्य प्रदेश के खाद्य सचिव करेंगे और इसमें केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, बिहार और पश्चिम बंगाल के खाद्य सचिव भी शामिल होंगे।
अगली बैठक 29 नवंबर को होगी
प्रस्ताव पर विचार करने के लिए इसकी अगली बैठक 29 नवंबर को होगी। मंत्री ने विशेष रूप से बेघर, झुग्गीवासियों, औद्योगिक और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों सहित महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन वितरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।