दुनिया में गूंज रही बहादुर Kashmiri Pandit बेटी की ललकार terrorists को दिया खुला चैलेंज

पिता माखन लाल बिंद्रू के पार्थिव शरीर के साथ बेटी डॉ. श्रद्धा बिंद्रू।

कश्मीर घाटी (Kashmir valley) से उठी कश्मीरी पंडित बेटी की ललकार दुनिया में गूंज रही है। बेटी डॉ. श्रद्धा बिंद्रू ने पिता माखन लाल बिंद्रू (MakhanlalBindro) की नृंशस हत्या करने वाले आतंकियों को खुली चुनौती दी है। डॉ. श्रद्धा ने कायर आतंकियों को ललकारा कि अगर हिम्मत है तो सामने आओ। तुम लोग केवल पत्थर फेंक सकते हो या पीछे से गोली चला सकते हो। मैं अपने पिता की बेटी हूं। हिम्मत है तो आओ मेरा सामना करो। मुझसे बातचीत करो। डॉ. श्रद्धा का आतंकियों को ललकारने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर दुनियाभर में शेयर हो रहा है।

माखन लाल बिंद्रू वो बहादुर शख्स थे, जिन्होंने 1990 में भी श्रीनगर (srinagar) नहीं छोड़ा था, जब आतंकियों और कट्टरपंथियों ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर किया था। वो श्रीनगर की मशहूर फार्मेसी बिंद्रू मेडिकेट के मालिक थे। उनकी बेटी डॉ. श्रद्धा ने कहा कि मेरे पिता एक कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) हैं। वह कभी नहीं मरेंगे। आतंकी सिर्फ उनके शरीर को मार सकते हैं। मैं एक एसोसिएट प्रोफेसर हूं। मेरे पिता ने साइकिल की दुकान से शु़रुआत की। मेरा भाई डर्मटोलिॉजिस्ट है। मेरी मां दुकान पर बैठती है। यहीं माखन लाल बिंद्रू ने हमें बनाया है। वह फाइटर थे। वह कभी नहीं मर सकते।

माखन लाल बिंद्रू, जो 1990 में आतंकियों की धमकियों से डरे नहीं था।

सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने लिखा कि इन हमलों से 90 के दशक के आतंक की यादें ताजा हो गईं। जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है। जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के सामने लाया जाएगा। माखन लाल बिंद्रू की हत्या पर कश्मीरी पंडित समुदाय समेत दुनियाभर के लोगों ने दुःख व्यक्त किया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं ने इस हमले की निंदा की है।

पिछले चार दिनों में कश्मीर में होने वाला यह छठा हमला है। दो अक्टूबर को आतंकवादियों ने दो कश्मीरियों माजीद अहमद गोजरी और मोहम्मद शफी दर को मार दिया था। कश्मीर में इसे आतंकवाद की एक नई लहर माना जा रहा है, जिसमें अधिकतर आम नागरिकों पर हमले हो रहे हैं। इस साल अभी तक कम से कम 30 लोगों की हत्या इस तरह के हमलों में हो चुकी है।

बिंद्रू के दाह संस्कार में सभी वर्गों के लोग पहुंचे।

आखिर इस समय इन हमलों का होना क्या साबित कर रहा है, जबकि भारत सरकार ने कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है, जिन्होंने घाटी से भागते समय इन संपत्तियों को बेच दिया था। पिछले 30 सालों के दौरान कश्मीरी पंडितों को घाटी में पुनः वापस लाने के लिए जमीनी स्तर पर कुछ काम होता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में इस तरह की घटना सोचने पर मजबूर कर देती है।

श्रीनगर में बिंद्रू मेडिकेट सेंटर, जिसे माखन लाल बिंद्रू विगत कई दशक से चला रहे थे।

(रिपोर्ट : समता शर्मा)