क्या आप किस्से सुनने में interested हैं, यदि हां तो ये खबर आपके लिए ही है…

फोटो साभारा ; इंटरनेट

बात भारत में किस्सा-गोई की। रविवार को मन की बात (mann ki baat) कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने किस्सा-गोई से जुड़ रही देश की युवा पीढ़ी की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने iim, ahmedabad के पूर्व छात्र अमर व्यास द्वारा संचालित Gathastory.in, मराठी में वैशाली व्यवहारे देशपांडे की पहल, चेन्नई की श्रीविद्या वीर राघवन की पहल, जो हमारी संस्कृति से संबंधित कहानियों को लोकप्रिय बनाने और प्रसारित करने से जुड़ी हैं। गीता रामानुजम द्वारा kathalaya.org की पहल, इंडियन स्टोरीटेलिंग नेटवर्क (Indian storytelling network) और बेंगलूरु में विक्रम श्रीधर द्वारा किए जा रहे कार्य, जो महात्मा गांधी से संबंधित कहानियों को लेकर बहुत उत्साहित हैं, सहित किस्सा-गोई के कला रूपों को बढ़ावा देने में कई पहलों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने अपर्णा अत्रेय और बेंगलूरु स्टोरीटेलिंग सोसाइटी (bengluru storytelling society) के अन्य सदस्यों से भी परस्पर बातचीत की। ग्रुप ने परस्पर बातचीत के दौरान राजा कृष्ण देव राय और उनके मंत्री तेनाली राम पर एक कहानी भी सुनाई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहानीकारों से ऐसा तरीका खोजने का आग्रह किया, जो देश की नई पीढ़ी को कहानियों के माध्यम से महापुरुषों और महान नारियों के साथ जोड़ सकें। उन्होंने कहा, कहानी कहने की कला को अवश्य ही प्रत्येक घर में लोकप्रिय बनाया जाना चाहिए और बच्चों को अच्छी कहानियां सुनाना सार्वजनिक जीवन का एक हिस्सा होना चाहिए।

मोदी ने कहा कि देश शीघ्र ही स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मनाने जा रहा है। कहानी सुनाने वालों से आग्रह किया कि वे अपनी कहानियों के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायी कहानियों को प्रसारित करें। प्रधानमंत्री ने नई पीढ़ी को 1857 से लेकर 1947 तक की प्रत्येक बड़ी और छोटी घटनाओं को प्रस्तुत करने का आग्रह किया।

हमारी किस्सा-गोई परंपराएं

भारत में हितोपदेश और पंचतंत्र की परंपरा रही है, जहां कहानियों में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गई, ताकि विवेक और बुद्धिमत्ता की बातों को आसानी से समझाया जा सके। धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति कथा, तमिलनाडु और केरल में विल्लू पाट, जो कहानी और संगीत का एक आकर्षक सामंजस्य तो कठपुतली समेत दादा-दादी, नाना-नानी के कहानी सुनाने समेत कई जीवंत परंपराएं देश में हैं।