हरड़िया के नौनिहालों ने वैज्ञानिक बनने की दिशा में बढ़ाया पहला कदम ideas जिनसे जीवन बनेगा सरल

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (apj abdul kalam) के पिता रामेश्वरम् में मछुआरे थे। परिवार बेहद सामान्य था, लेकिन यह परिस्थितियां उन्हें महान वैज्ञानिक (great scientist) बनने से रोक नहीं सकीं। भारत (india) में छोटी-छोटी जगहों पर सैकड़ों छात्र डॉ. कलाम बनने की प्रक्रिया में हैं। कुछ ऐसे ही होनहार छात्र झुंझुनूं जिले (jhunjhunu) के खेतड़ी उपखंड के हरड़िया में हैं। शहीद मोहर सिंह काजला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के 3 छात्रों ने ऐसे मॉडल्स (models) की कल्पना की है, जो आम आदमी के जीवन को सरल बनाएंगे। तीनों छात्रों अनिल कुमार मीणा, कुलदीप कुमार और अनुराग का चयन इंस्पायर अवॉर्ड (inspire award) के लिए हुआ है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आईएएस सौरभ स्वामी ने भी हरड़िया के बच्चों का इंस्पायर अवॉर्ड के लिए चयन होने पर प्रसन्नता जाहिर की है।

छात्रों ने सोलर (solar) से चलने वाले मिक्सर (mixe) का आइडिया दिया, यानी मिक्सर चलाने के लिए बिजली की जरूरत नहीं। यह मिक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद कारगर साबित होगा, विशेषकर राजस्थान में, जहां सूर्य की रोशनी भरपूर मिलती है। इस मिक्सर का इस्तेमाल कर ग्रामीण न केवल बिजली बिल में कटौती कर सकेंगे, बल्कि बिजली न आने पर कुछ पिसने की टेंशन खत्म होगी।

छात्रों ने घरेलू कबाड़ से एयर कंडीशनर (AC) बनाने का आइडिया दिया है। एयर कंडीशनर खरीदना महंगा सौदा है, लेकिन यही काम घर में पड़े कबाड़ से हो जाए और गर्मियों में हवा ठंडी-ठंडी मिले तो क्रांति आ सकती है। पैसे बचेंगे, सो अलग। बच्चों ने साइकिल से छाछ मशीन को चलाने का आइडिया दिया। ग्रामीण भारत के लिए यह भी कारगर साबित हो सकता है।

आपको एकबार को जरूर लगेगा कि इस किस्म की ढेरों मशीनें तो आज भी बाजार में मौजूद हैं, फिर ये कैसे आइडिया हैं? पर राजस्थान (rajasthan) के झुंझुनूं जैसे ग्रामीण जिले के छोटे से उपखंड के बच्चों की यह सोच बहुत बड़ी है। ऐसे ही छोटे-छोटे आइडिया को लेकर इन बच्चों को प्रोत्साहन मिलता रहा तो एक दिन यही बच्चे डॉ. सी.वी. रमन और डॉ. कलाम बनेंगे।

प्रधानाचार्य विजेंद्र कुमार सुरोलिया ने बताया कि हमारे शिक्षक विद्यालय के गरीब तबके के बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं। तीनों छात्रों को अपने आइडियाज पर मॉडल बनाने के लिए 10-10 हजार रुपए मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड तो वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया में पहला कदम है। अभी स्टेट लेबल पर चयन हुआ है। आगे एनसीईआरटी के माध्यम से नेशनल लेबल पर चयन किया जाएगा।

क्या है इंस्पायर अवॉर्ड

इंस्पायर अवार्ड क्लास 6 से 10 के बच्चों के नवाचारी प्रोत्साहन के लिए एक अभिनव योजना है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी, दोनों विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चे भाग लेते हैं।

स्वामी विवेकानंद का रहा है खेतड़ी से गहरा नाता

स्वामी विवेकानंद का भी खेतड़ी से नाता रहा है। यह उनकी कर्मभूमि रही है। यहां के महाराज जयसिंह ने स्वामी विवेकानंद को विश्व धर्म संसद में अमेरिका के शिकागो भेजा था।