3 steps में स्वच्छता की training मोबाइल उठाओ number घूमाओ 60 मिनट में course पूरा

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बांसवाड़ा जिले की सविता को सफाई पसंद है। उसके लिए खुशी की बात यह है कि गांव में अब कोई खुले में शौच को नहीं जाता। सविता चाहती है कि स्वच्छता यूं ही बने रहे। इसमें उसकी मदद स्वच्छ भारत मिशन अकादमी (swachh bharat mission) कर रही है। सविता जैसे लाखों युवा आज अकादमी से निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर स्वच्छ भारत में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी साल अगस्त में अकादमी का शुभारंभ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) ने किया था।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने स्वच्छता के लिए जन आंदोलन का रूप लेकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है। पिछले साल 2 अक्टूबर (mahatma gandhi birthday) को देश के सभी गांव, जिल और राज्य खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो गए थे। इस असाधारण सफलता को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण को इस साल की शुरुआत में लागू किया गया। यह ओडीएफ स्थिरता और ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित है। यह कार्यक्रम इस बात को सुनिश्चित करने की दिशा में काम रहा है कि कोई भी पीछे न छूट जाए। हर कोई शौचालय का इस्तेतमाल करे।

यूं काम करती है अकादमी

स्वच्छ भारत मिशन अकादमी मोबाइल आधारित पाठ्यक्रम है। आईवीआर (IVR) आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ओडीएफ-एस के साथ-साथ ठोस और तरल अपशिष्ट के तहत 60 मिनट का कोर्स शामिल है। इसमें चार अध्याय हैं। प्रत्येक में चार ऑडियो पाठ और अध्याय के अंत में एक बहु-विकल्प प्रश्नोत्तरी है। पाठ्यक्रम में सफल होने के लिए उपयोगकर्ता को 50 प्रतिशत प्रश्नों का सही उत्तर देना होता है। कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन से टोल फ्री नंबर 18001800404 डायल कर पाठ्य सामग्री का विवरण ले सकता है।

छह साल में 10.65 करोड़ शौचालय

2 अक्टूबर 2014 के बाद से ग्रामीण इलाकों में 10,64,95480 घरेलू शौचालय बनाए गए हैं। 6,03,177 गांवों ने खुले में शौच से मुक्ति पाई है। 2,62,736 ग्राम पंचायतों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। देश के 706 जिले खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।