कोरोना (corona) वायरस उतना खतरनाक नहीं, जितना उसका भौकाल है। मैं जब कोरोना पॉजिटिव हुआ, उस समय तो इसका भौकाल बहुत ज्यादा था। पहले दिन जब मुझे फीवर हुआ 100.6 तो मैंने घर में मौजूद पेरासिटामोल (क्रोसिन 500) टेबलेट खाकर सो गया। अगले दिन डॉ. वेद, जो KGMC, लखनऊ में पल्मोनरी विभाग का हेड है और छोटे भाई की तरह है, को बताया तो उसने लगभग गुस्से होते हुए पूछा, क्यों ली मेरे से बिना पूछे? मैंने कहा, नार्मल मेडिसिन है ले ली, उसने स्ट्रिक्टली कहा, कोई भी मेडिसिन मेरे से बिना पूछे नहीं लेनी है।
डॉ. वेद ने कहा, टेम्परेचर बढ़ने पर आपकी बॉडी में एन्टी बॉडीज बढ़ते हैं, जितनी जल्दी एन्टीबॉडीज बन जाएंगे, उतना जल्दी आप ठीक।
उसकी टिप्स
जब तक बुखार 101 से ऊपर न जाए मेडिसिन मत लेना।
सादा पानी सामान्य मात्रा से दोगुना पीना।
धूप में 15-20 मिनट बैठना, शरीर पर धूप लगनी चाहिए।
हर घंटे-दो घंटे पर गरमा-गर्म अदरक की चाय या तेज गर्म पानी या काढ़ा पीते रहना।
और आखिरी ढेर सारी कॉमेडी मूवी या वेब सीरीज देखना।
और इसी रूटीन को फॉलो करते हुए मैं बहुत जल्दी ही कोरोना निगेटिव हो गया।
जब उसैन बोल्ट, जो फर्राटा दौड़ के वर्ल्ड चैंपियन हैं, उनके फेफड़ों से ज्यादा मजबूत फेफड़े किसके होंगे, जब उनको कोरोना हो सकता है तो किसी को भी हो सकता है। इसलिए अगर कोरोना के लक्षण आएं तो तत्काल टेस्ट कराएं और अपने आप को आइसोलेट कर लें।
और अपने डॉक्टर की सलाह लें, अलर्ट रहिए, सुरक्षित रहिए।
यदि आपको लक्षण आते हैं तो बिल्कुल न डरे, बिंदास होकर डॉक्टर से सलाह लें, खाली समय में कॉमेडी देखें, कुछ सीखें और अपने आप से मित्रता करें।
कोविड केंद्र जहां मैं भर्ती था, मोबाइल नेटवर्क बहुत कमजोर था तो इस तरह अपने मित्रों को अपनी खैर-खबर देता था, माता रानी ने बहुत कृपा की आजकल नवरात्र चल रहे हैं, इसलिए एक बार दिल से हो जाए जय माता दी।
(IPS officer Navniet Sekera की फेसबुक वॉल से)
(नोट : ऊपर बताई गई बातें सामान्य बातें हैं और कोरोना के साथ मेरा व्यक्तिगत अनुभव है, कोई एक्सपर्ट सलाह नहीं है)