Haematology conference अब सीबीसी जांच से कर सकते हैं एनिमिया का निदान

एसएमएस अस्पताल, जयपुर के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सुधिर मेहता।

बीकानेर. अब कम्पलीट ब्लड काउंट (cbc) की जांच से खून की कमी और उसके विभिन्न कारणों का पता लगाया जा सकता है। महज सीबीसी जांच के माध्यम से डॉक्टर्स पीएचसी स्तर पर भी गुणवत्तापूर्वक क्लिनकल एग्जामिन कर पाएंगे। इससे मरीजों का भार मेडिकल कॉलेज स्तर पर काफी कम होगा। यह कहना है sms अस्पताल, jaipur के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सुधीर मेहता का।

डॉ. मेहता ने होटल पार्क पैरेडाइज में हेमेटोलॉजी विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार के दौरान फिजिशियन्स, पीडियेट्रिशियन्स, पैथोलॉजिस्ट प्रशिक्षु डॉक्टर्स को दिए गए अपने उद्बोधन में कहा कि सीबीसी रिपोर्ट के साथ आने वाले ग्राफ्स का अध्ययन करके आज खून से संबंधित बीमारियों के निदान और उसके कारणों का पता लगाया जा सकता है।

डॉ. गुंजन सोनी, प्रधानाचार्य व नियंत्रक, एसपी मेडिकल कॉलेज

कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. गुंजन सोनी, प्रधानाचार्य व नियंत्रक, एसपी मेडिकल कॉलेज और वरिष्ठ फिजिशियन्श डॉ. धनपत कोचर के कर कमलों द्वारा किया गया। कार्यक्रम सचिव डॉ. परमेंद्र सिरोही ने अत्यधिक रक्त गाढ़ा होने के कारणों और उसके लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दी।

डॉ. प्रकाश सिंह ने रक्त में ईओसिनोफिल कोशिकाओं के बढ़न के कारणों और उनके इलाज के बारे में अपना व्याख्यान दिया। डॉ.पंकज टांटीया ने बताया कि कितनी मात्रा से ज्यादा हिमोग्लोबिन व प्लेटलेट होना हानिकारक होता है। उसका इलाज कैसे किया जाता है। डॉ. राहुल भार्गव ने पोषण की कमी से होने वाले खून की कमी के बारे में बताया। उन्होंने जानकारी दी कि सभी मरीज, जिनमें खून की या प्लेटरेट की कमी होने पर भी खून चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि मामूली इलाज से रोगी को ठीक किया जा सकता है।

डॉ. जीएस तंवर ने एंटीबॉडीज के कारण स्वतः ही खून खराब होने वाली बीमारी (हिमोलैटिक एनिमिया) और इसके उपचार के संबंध में जानकारी दी। डॉ. सोनम ने बताया कि रक्त एवं रक्त उत्पाद मरीज को चढ़ाते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

डॉ. बी.के. गुप्ता और डॉ. विष्णु शर्मा ने हिमोफिलिया रोग (अत्यधिक रक्त स्त्राव) के कारणों, लक्षण व उपचार के बारे में बताया। डॉ. आयुषि श्रीवास्तव ने तिल्ली (स्पीलीन) बढ़ने क कारण, लक्षण व उपचार के बारे में बताया। कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया, जिसमें प्रमुख प्रतिभागी आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. एसएन हर्ष, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एम.साबिर, ट्रॉपिकल न्युरोलॉजी सोसायटी के संस्थापक सचिव डॉ. धनपत कोचर शामिल थे। सभी प्रतिभागीयों ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में आयोजक अध्यक्ष डॉ. संजय कोचर ने उपस्थित सभी वक्ताओं और प्रतिभागीयों का आभार जताया।