अभिनेत्री sudha chandran ने video पोस्ट कर प्रधानमंत्री को बताई अपनी पीड़ा Modi से कृत्रिम पैर को लेकर मांगा favour

अभिनेत्री और डांसर सुधा चंद्रन (sudha chandran)  ने इंस्टाग्राम पर अपनी वीडियो शेयर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील की है। अभिनेत्री का कहना है कि वे जब भी देश में किसी एयरपोर्ट (airport) पर जाती हैं तो उनसे कृत्रिम पैर हटाकर जांच कराने के लिए कहा जाता है, जो न केवल अपमानजनक है, बल्कि दुखदायी भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से सीनियर सिटीजन कार्ड भी दिलाने की मांग की है।

अभिनेत्री ने वीडियो में कहा, गुड इवनिंग, यह एक बहुत ही निजी नोट है, जो मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बताना चाहती हूं। यह केंद्र सरकार से एक अपील है, मैं सुधा चंद्रन, एक अभिनेत्री और पेशे से डांसर हूं। मैंने अपने कृत्रिम अंग के साथ नृत्य किया है और इतिहास रचा है। मेरे देश को मुझ पर बहुत गर्व है। अपना परिचय देने के बाद भी सीआईएसएफ (CISF) के अधिकारी मुझसे कृत्रिम अंग (prosthetic limbs) हटाने के लिए कहते हैं, जबकि मुझे ईटीडी टेस्ट कराने में कोई परेशानी नहीं है।

एक अन्य पोस्ट में सुधा चंद्रन ने कहा, हर बार इस ग्रिल के माध्यम से जाना बहुत ही दुखदायी होता है। आशा है कि मेरा संदेश राज्य व केंद्र सरकार के अधिकारियों तक पहुंच जाएगा और मुझे उनसे त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है।

पहले भी हो चुके हैं कई ऐसे मामले

फरवरी 2014 में एक यात्री से उसके घुटने के नीचे के कृत्रिम अंग को हटाने के लिए कहा गया था।

सितंबर 2015 में इंटरनेशनल पैराएथलीट सुवर्णा राज को सुरक्षा जांच के लिए व्हीलचेयर से उठने के लिए कहा गया था। राज ने सीआईएसएफ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

अक्टूबर 2016 में दो बार के पैरा साक्लिंग एशियाई पदक विजेता आदित्य मेहता ने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा था कि बेंगलूरु एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ अधिकारियों ने उनके कृत्रिम अंग को सुरक्षा जांच के नाम पर हटाया और फिर से लगाया।

अपने फैसले से कायम नहीं रह पा रही सीआईएसएफ

सीआईएसएफ ने वर्ष 2017 में फैसला लिया था कि यात्रियों को एक्स-रे स्क्रीनिंग के लिए अपने कृत्रिम अंगों को हटाने की आवश्यकता नहीं होगी। देश के सभी एयरपोर्ट्स को यह आदेश दिया गया कि इस अपमानजनक और दुखदायी प्रोसेस को खत्म किया जाए। व्हीलचेयर की स्क्रीनिंग को बंद करने का फैसला लिया गया था। अधिकारियों का कहना था कि इन लोगों का सिर्फ ईटीडी टेस्ट ही किया जा सकेगा, लेकिन अगर कहीं सुरक्षा की कोई बात हुई तो वे इन कृत्रिम अंगों को हटाने का अनुरोध कर सकते हैं।