11-12 साल की उम्र में अभिनेता बनने का अहसास हो गया था, अब चलाएंगे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा

अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने परेश रावल अब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा को चलाएंगे। उन्हें यहां का अध्यक्ष बनाया गया है। परेश मंजे हुए अभिनेता हैं। 35 साल से फिल्मों की दुनिया में सक्रिय हैं। उन्होंने हिंदी के साथ गुजराती, मराठी, तेलुगु और इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया है। एक इंटरव्यू में परेश ने कहा था कि लोग उन्हें महान अभिनेता, परंतु सामान्य व्यक्ति के तौर पर याद रखें।

पद्मश्री और नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित परेश का जन्म मुंबई में 30 मई 1955 को हुआ। उनकी कर्मस्थली भी मुंबई ही बना। 1985 में फिल्म अर्जुन में स्पोर्टिंग एक्टर की भूमिका निभाने वाले परेश ने अब तक कई सौ फिल्मों में काम किया है। विलेन, चरित्र अभिनेता, कॉमेडियन और कई तरह के रोल वो निभा चुके हैं। फिल्मफेयर, स्टार स्क्रिन अवॉर्ड, जी सिने अवॉर्ड समेत कई पुरस्कार परेश को मिल चुके हैं। फिल्म सरदार, तमन्ना, हेरा-फेरी और सर में निभाए रोल को परेश अपना फेवरेट बताते हैं, जबकि जमीर को अपनी सबसे खराब फिल्म मानते हैं।

फिल्मों में आने से पहले परेश ने कई साल थिएटर किया। जब वो 11-12 साल के थे, तब उन्हें अहसास हो गया था कि वो अभिनय कर सकते हैं। मात्र 18 वर्ष की आयु में उन्होंने प्रोफेशनल थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया था।

2014 के लोकसभा चुनाव में परेश ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अहमदाबाद ईस्ट सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से विजयी हुए। हालांकि, 2019 में उन्हें टिकट नहीं मिला। अब उनकी छवि एक राष्ट्रवादी कलाकार और नेता की है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है।

निजी जीवन की बात करें तो परेश रावल ने 1979 की मिस इंडिया स्वरूप संपत से विवाह किया। संपत से विवाह पर उन्होंने कहा था कि सपना चल रहा था। उनके दो पुत्र आदित्य और अनिरूद्ध हैं। One Flew Over The Cuckoo’s Nest उनकी पसंदीदा किताब है, जबकि Godfather 2 का स्क्रिनप्ले उनका पसंदीदा है।