स्वांगशाला एक्टिंग एकेडमी Meerut ने 14 दिवसीय workshop में वर्चुअली सिखाए अभिनय के गुर

स्वांगशाला के समापन कार्यक्रम में अभिनेता डॉ. वेद थापर।

मेरठ (meerut) में रंगमंच के क्षेत्र में महती भूमिका निभा रही स्वांगशाला कोरोनाकाल में भी नवोदित कलाकारों को अभिनय के गुर सिखाने में पीछे नहीं रही। वर्चुअल माध्यम से स्वांगशाला ने कार्यशाला आयोजित की, जिसमें राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अनेक प्रशिक्षु अभिनय के विभिन्न स्वरूपों से रू-ब-रू हुए। 14 दिवसीय कार्यशाला में मुंबई के स्थापित कलाकारों ने भी प्रशिक्षुओं का मार्गदर्शन किया।

कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में मुंबई से जुड़े प्रसिद्ध अभिनेता डॉ. वेद थापर ने कोरोना काल में भी स्वांगशाला के अभिनय सिखाने के जुनून की जमकर सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों को कार्यशाला से जुड़कर स्वांगशाला में विश्वास जताने से अनुशासन और समर्पण आने की बात कही। वेद थापर ने बताया कि अभिनय सीखा नहीं जाता निखारा जाता है, क्योंकि अभिनय हर किसी में इनबिल्ट होता है। यदि आपको अच्छा अभिनेता बनना है तो संगीत से भी जुड़िए, सीखिए और दिनचर्या में शामिल की है। वेद थापर ने मेरठ की सराहना करते हुए कहा कि यहां के बारे में बॉलीवुड में प्रचलित है कि मेरठ में एक ईंट निकालो तो 100 एक्टर निकलते हैं।

कार्यशाला में स्वांगशाला के नामचीन वरिष्ठ रंगकर्मी भारत भूषण शर्मा, अनिल शर्मा, योगेश समदर्शी और जितेन्द्र सी राज ने अभिनय के विभिन्न रंगों से सराबोर किया। भारत भूषण शर्मा ने बताया कि कार्यशाला की सूचना फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसारित की गई थी। इच्छुक लोगों को एक लिंक के माध्यम से अपना पंजीकरण कराने की सुविधा दी गई थी। इस लिंक के माध्यम से दर्जन भर से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कराया और कार्यशाला में सकारात्मक रूप से शामिल हुए।

उन्होंने बताया कि समय-समय पर सभी प्रशिक्षुओं से विभिन्न मुद्राओं और रसों को समाहित करते हुए अभिनय भी कराया गया, जिसमें सभी झिझक को दरकिनार करते हुए तन्मयता से शामिल हुए।

कार्यशाला में सात वर्ष की आराध्या से लेकर 40 वर्ष से अधिक आयु के मंजीत सिंह, विशाल शर्मा और गुजरात से अनिल सिंह ने भाग लिया। 10 से 15 वर्ष की आयु के अधिकतम प्रशिक्षु इसमें शामिल हुए। दिल्ली से अबीर, आरना भारद्वाज और अशलेषा, जयपुर से सुहानी और सुहासी पाठक, मेरठ से भविष्य भारद्वाज, चित्रांशी समेत अन्य प्रशिक्षु शामिल रहे।

मुंबई से वरिष्ठ रंगकर्मी, निर्देशक व अभिनेत्री सरिता हुसैन, टीवी व रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकार मनीष बिस्मिल और रवि यादव ने भी कार्यशाला में महत्वपूर्ण टिप्स दिए। कार्यक्रम के अंत में ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए। कार्यशाला की सफलता से उत्साहित स्वांगशाला के वरिष्ठ रंगकर्मियों ने आगे भी इस तरह के आयोजन करने की बात कही।

प्रशिक्षुओं ने तैयार किए दो नाटक

14 दिनों की कार्यशाला में प्रशिक्षुओं ने दो नाटक भी तैयार किए, जिसमें कोरोना काल में तेरहवीं का आयोजन और गरीब बालिका को पढ़ने के लिए मोबाइल फोन मिलना दर्शाया गया। इन नाटकों का निर्देशन बाल निर्देशक अबीर भारद्वाज और सुहासी ने सफलतापूर्वक किया।