12वीं क्लास में केमिस्ट्री में फेल होने के बाद बदल गई थी करियर को लेकर क्वीन कंगना की सोच

एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान कंगना रनौत।

अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मां आशा रनौत स्कूल टीचर थीं और पिता अमरदीप रनौत बिजनेसमैन। कंगना युवावस्था से दंबग रही हैं। खुद उन्होंने कई इंटरव्यू में बताया है कि वो जब 16 साल की थीं, तब घर से दिल्ली आ गई थीं। माता-पिता बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन कंगना ने मॉडलिंग की दुनिया से करियर की शुरुआत की। दिल्ली में एक साल संघर्ष करने के बाद 17 साल की उम्र में वो मुंबई आ गईं। उनके फिल्मी करियर से तो अधिकांश लोग परिचित हैं, इसलिए हम पर्दे के पीछे की कंगना की बात करते हैं।

हिमाचल प्रदेश (himachal Pradesh) के मंडी जिले के भामब्ला (अब सूरजपुर) में 23 मार्च 1987 को जन्मी कंगना के दादा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी थे और परदादा सरजू सिंह रनौत विधायक। कंगना का बचपन भामब्ला में ही बिता। कंगना ने एक इंटरव्यू में अपने बचपन को कुछ यूं याद किया था कि एक बार जब पिता ने उनके छोटे भाई को गिफ्ट में प्लास्टिक गन और उन्हें गुड़िया दी थी, तब उन्होंने पिता पर भेदभाव का आरोप लगा दिया था। डीएवी स्कूल (dav school), चंडीगढ़ से पढ़ी कंगना के पास साइंस थी और उन्हें पढ़ाकू स्टूडेंट समझा जाता था, लेकिन कक्षा 12 में केमिस्ट्री में फेल होने के बाद करियर को लेकर उनकी सोच बदल गई। उन्होंने मेडिकल में दाखिले के लिए परीक्षा तक नहीं दी। इस विद्रोह का नतीजा यह रहा कि पिता ने उनके जीवन को लक्ष्यविहीन बताकर आगे खर्चा-पानी देने से इनकार कर दिया।

दिल्ली में रहते हुए अपने करियर को लेकर कंफ्यूज थीं। उसी दौरान उन्हें एक मॉडलिंग एजेंसी से कुछ काम मिल गया। हालांकि, उनका मन मॉडलिंग में नहीं लगा। उन्हें इस काम में कोई क्रिएटिविटी नहीं दिखी। मॉडलिंग के बाद उन्होंने अस्मिता थिएटर ग्रुप ज्वाइन किया। इंडिया हेबीटेट सेंटर में भी कई प्ले किए। यहीं से उन्होंने मुंबई का रूख किया। कंगना के संघर्ष की कहानी बड़ी रोचक है। उन्होंने ब्रेड-अचार खाकर भी दिन काटे हैं। रिश्तेदारों ने भी उनके फिल्मी करियर का विरोध किया।

नेशनल अवॉर्ड और पद्मश्री (padamshri) से सम्मानित कंगना रनौत राष्ट्रवाद के लिए आवाज बुलंद करने के जानी जाती हैं। उन्हें केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की करीबी माना जाता है। ऐसी भी कुछ खबरें हैं कि भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट ऑफर किया था। हालांकि, उन्हें मना कर दिया। इनदिनों जिस तरह से उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड के सितारों से पंगा लिया, उसके परिणाम जो भी हों, लेकिन कंगना एक फाइटर बनकर उभरी हैं। उन्हें बॉलीवुड की क्वीन (queen) और झांसी की रानी भी कहा जाता है।