Rajasthan की मरू भूमि में इतनी चांदी की india की हो जाएगी चांदी-चांदी

राजस्थान (rajathan) की ‘चांदी’ (silver) से देश की चांदी-चांदी होने वाली है। जी हां, भारत (india) में 30 हजार मैट्रिक टन चांदी के भंडारों में से 98 प्रतिशत भंडार राजस्थान में हैं। यह बात नीति आयोग (niti aayog) के सीईओ अमिताभ कान्त (amitabh kant) ने बताई।

राजस्थान में चांदी के खनिज भंडारों की खोज और उत्पादन को लेकर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के अंतरराष्ट्रीय वेबीनार (webinar) में कान्त ने कहा, वर्तमान में भारत आभूषणों सहित विभिन्न घरेलू, औद्योगिक और चिकित्सकीय उपयोग में काम आने वाली कुल चांदी का 90 प्रतिशत आयात करता है। यदि राजस्थान में चांदी के भंडारों से खनन के काम को समुचित तरीके से शुरू किया जाए तो आने वाले दिनों में भारत दुनिया का बड़ा चांदी उत्पादक देश बन सकता है।

कान्त ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार उद्योगपतियों के साथ मिलकर चांदी के खनन और उत्पादन में आने वाली बाधाओं को दूर करें तो जल्द ही राजस्थान प्रगति के नए सोपान चढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने कहा, खनिजों की खोज में तकनीक, रिसर्च, कौशल विकास और राजस्व बढ़ोतरी के उद्देश्य से खनन गतिविधियों के बेहतर संचालन तथा मॉनिटरिंग के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पोटाश, जिंक, पेट्रोलियम, कॉपर, जिप्सम, लाइमस्टोन आदि खनिजों के भी विशाल भण्डार मौजूद हैं, जिनके खनन कार्यों में निवेश के अपार अवसर उपलब्ध हैं। इन क्षेत्रों में काम करने के लिए निवेशकों को राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ पूरा सहयोग देने को तैयार है।

वेदांता लिमिटेड के चेयरपर्सन अनिल अग्रवाल (anil agarwal) ने बिना लाइसेंस के खनिज भंडारों की खोज की अनुमति की मांग की।